नई दिल्ली/पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया जिले के मझुआ गांव में 19 और 20 मई की रात एक समुदाय के सैकड़ों लोगों ने महादलितों की बस्ती को आग के हवाले कर दिया था. भीड़ ने 13 महादलितों के घर जला दिए और एक रिटायर्ड चौकीदार की हत्या (Crowd set fire in mahadalit colony in purnia) कर दी. इस घटना का जायजा लेने के लिए अनुसूचित जाति आयोग (SC ST Commission) की टीम 24 मई तो पूर्णिया पहुंची.
टीम ने महादलितों की बस्ती का जायजा लिया और सभी लोगों से बात की. महादलितों ने बताया कि कैसे उनकी महिलाओं और बच्चों पर जुल्म ढाए गए, उनके साथ दुष्कर्म किया गया.
दांत से काटा गाल, तलवार से काटना चाहा और…
आयोग के लोगों से बातचीत के दौरान महादलित महिलाओं ने बताया कि एक तरफ गांव में आग का कहर था, दूसरी तरफ उपद्रवियों ने उनके घर में हैवानियतों की हदों को पार कर दिया. एक पीड़ित महिला ने कहा, “उपद्रवियों ने उनके गाल में दांत से काटा. उन्हें नग्न कर दिया. बेरहमी से कुकृत्य किया गया. तलवार से उनको काटना चाहा और उन्होंने छिपकर अपनी जान बचाई.”
आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग
महादलितों से बातचीत करने के बाद आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
साथ ही आयोग ने लोगों ने आरोप लगाए कि इस मामले में प्रशासन द्वारा अभी तक सिर्फ दो लोगों को ही गिरफ्तार कर खानापूर्ति की है. जबकि इस मामले में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज कर 60 नामजद और एक सौ अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.