OBC reservation in NEET Bhim Army protest in front of OBC Commission
नई दिल्ली/लखनऊ : मेडिकल परीक्षा के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण (OBC Reservation) खत्म किए जाने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है. भीम आर्मी (Bhim Army) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के कोर कमेटी सदस्य हिमांशु वाल्मीकी ने इस मुद्दे पर शुक्रवार सुबह दिल्ली में OBC आयोग पर धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है.
हिमांशु वाल्मीकी ने एक ट्वीट के जरिये कहा कि राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के ऑल इंडिया कोटा में भारत सरकार द्वारा OBC आरक्षण (OBC Reservation) ख़त्म किए जाने के विरोध में शुक्रवार सुबह (16 जुलाई) 10 बजे OBC आयोग पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सभी सहयोगियों को दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस स्थित हयात होटल पर पहुंचने का आह्वान किया है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि OBC की जनंसख्या 52% है, लेकिन आरक्षण सिर्फ़ 27% ही क्यों?
इससे पहले भीम आर्मी प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नाम खुला पत्र लिख आलोचना की. असपा (ASP) प्रमुख ने पत्र में कहा कि NEET के ऑल इंडिया कोटा में भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को राज्य स्तर पर खत्म किया जाना संविधान सम्मत नहीं है.
इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि NEET में ओबीसी का आरक्षण (OBC Reservation in NEET) राज्य स्तर पर लागू करें, वरना हम इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सर्वविदित है कि ओबीसी आरक्षण संविधान के भाग 16 और अनुच्छेद 340 के आधार पर मंडल कमिशन के माध्यम से आया है. कमीशन की रिपोर्ट से यह पाया गया कि ओबीसी की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं है. इसलिए ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया. अगर इस वर्ग की जनसंख्या प्रतिशत को देखें तो इस देश की कुल आबादी का 52 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी है, लेकिन आरक्षण केवल 27 प्रतिशत ही है. सरकार को इस संदर्भ में संज्ञान लेते हुए ओबीसी आरक्षण को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 52 प्रतिशत तक बढ़ाकर सुनिश्चित करना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि 13 जुलाई 2021 में NEET की परीक्षा में आए विज्ञापन में यह स्पष्ट हुआ है कि ओबीसी को सरकार द्वारा NEET में राज्य स्तर पर आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. इस गैर संविधानिक रवैये से ओबीसी बेहद नाराज है. मैं इस पत्र के जरिये पिछड़े वर्ग की चिंता और परेशानी आप तक पहुंचा रहा हूं. उम्मीद करता हूं कि आप तत्काल इसका संज्ञान लेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का ये कदम संविधान के अनुच्छेद 15 (4), 16 (4) और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में आरक्षण कानून 2006 का उल्लंघन है. यह कानून कहता है कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा.
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