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…यहां होता था लंबरदार का दलितों के घर पर ‘हुड़दंग’

नई दिल्ली. होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं. गीले शिकवे भूल के दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं. जिस वक्त लेखक ने ये गाना लिखा था उस वक्त शायद उसके दिमाग में छुआछूत, जातिगत भेदभाव जैसी चीजें नहीं होंगी. भारत के अलग-अलग हिस्सों में रंगों का उत्सव …

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