ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #माफी_मांगो_अखिलेश, दलित दिवाली वाले बयान से है कनेक्शन

लखनऊ. अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दलितों को लुभाने के लिए आंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti 2021) के दिन दलित दिवाली की मानने की बात कही है. हालांकि अखिलेश का ये दांव उन पर ही उल्टा पड़ गया है. दलित दिवाली के नाम पर अखिलेश यादव घिर गए हैं और ट्विटर पर #माफी_मांगो_अखिलेश (#Shame_On_You_AkhileshYadav) ट्रेंड कर रहा है.

ट्विटर यूजर्स का कहना है कि आंबेडकर जयंती के दिन को दलित दिवाली (Dalit Diwali) के तौर पर मानना देश को बांटने के समान है. एक यूजर ने लिखा कि कनाडा में आंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और अखिलेश भारत में लोगों को बांटने की बात कर रहे हैं.

आंबेडकर को दलितों तक सीमित किया
वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा कि आंबेडकर जी कहते थे कि हम सिर्फ भारतीय हैं और अखिलेश यादव यादव भारत के लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. किसी ने लिखा कि इस तरह के ट्वीट से अखिलेश ने आंबेडकर को सिर्फ दलितों तक सीमित कर दिया.

ये भी पढ़ेंः- SC छात्रों को आर्थिक सहायता दे रही है कर्नाटक सरकार, मिलेंगे इतने पैसे

क्या कहा था अखिलेश यादव ने?
दरअसल, गुरुवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था, ‘भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान खतरे में है, जिससे बाबासाहेब ने स्वतंत्र भारत को नई रोशनी दी थी. इसलिए बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती, 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी यूपी, देश और विदेश में ‘दलित दीवाली’ मनाने का आह्वान करती है.’

dalitawaaz

Dalit Awaaz is the Voice against Atrocities on Dalit & Underprivileged | Committed to bring justice to them | Email: dalitawaaz86@gmail.com | Contact: 8376890188

Recent Posts

Mayawati की BSP महारैली – क्या इशारों में चंद्रशेखर आजाद पर वाकई निशाना साधा गया?

मायावती का यह बयान दलित राजनीति (Dalit Politics) में 'नेतृत्व संघर्ष' के संकेत के रूप…

3 hours ago

Dr. BR Ambedkar on Ideal Society : एक आदर्श समाज कैसा होना चाहिए? डॉ. बीआर आंबेडकर के नजरिये से समझिये

लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है. यह मुख्य रूप से संबद्ध जीवन, संयुक्त…

2 years ago

This website uses cookies.