कांशीराम के अनमोल विचार…

जब तक, जाति है, मैं अपने समुदाय के लाभ के लिए इसका उपयोग करूंगा. यदि आपको कोई समस्या है, तो जाति व्यवस्था को समाप्त करें.

जहां ब्राह्मणवाद एक सफलता है, कोई अन्य ’ वाद’ सफल नहीं हो सकता है, हमें मौलिक, संरचनात्मक, सामाजिक परिवर्तनों की आवश्यकता है.

बहुत लंबे समय से हम सिस्टम के दरवाजे खटखटा रहे हैं, न्याय मांग रहे हैं और न्याय नहीं पा रहे हैं, इन हथकड़ियों को तोड़ने का समय आ गया है.

हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम व्यवस्था के पीड़ितों को एकजुट नहीं करेंगे और हमारे देश में असमानता की भावना को खत्म नहीं करेंगे.

जब कोई लड़ाई, कोई संघर्ष और किसी योद्धा की तरफ से कोई ख़तरा नहीं होता तो चमचों की ज़रूरत नहीं होती, उनकी मांग नहीं होती.

जब दलित वर्गों का सच्चा नेतृत्व सशक्त और प्रबल हो गया तो उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकी.