HISAR की SC/ST विशेष अदालत के जज अजय तेवतिया ने सामाजिक बहिष्कार के आरोपी सरपंच प्रतिनिधि पुनीत कुमार, रामचंद्र, राम सिंह, जयकिशन, लीला व सुमेर के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
हांसी : भाटला सामाजिक बहिष्कार मामले (Bhatla Social Boycott Case) में हिसार (Hisar) की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम (Scheduled Castes and the Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act) के तहत स्थापित विशेष अदालत के जज अजय तेवतिया ने सामाजिक बहिष्कार के आरोपी सरपंच प्रतिनिधि पुनीत कुमार, रामचंद्र, राम सिंह, जयकिशन, लीला व सुमेर के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
सामाजिक बहिष्कार के पीड़ित दलितों (Dalits) के अधिवक्ता रजत कलसन (Advocate Rajat Kaslan) ने बताया कि 10 जुलाई 2017 को सरपंच समेत 7 लोगों के खिलाफ भाटला के दलितों का सामाजिक बहिष्कार (Bhatla Social Boycott Case) करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिस बारे में आईपीएस राजेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित हुई थी, जिसने केवल एक आरोपी चंद्र फौजी को आरोपी बनाकर अदालत में चालान दे दिया था तथा सरपंच प्रतिनिधि पुनीत कुमार समेत बाकी सभी छह आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी.
उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ खिलाफ पीड़ित पक्ष ने तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की अदालत में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत याचिका दायर कर उन्हें आरोपी बनाकर अदालत में तलब करने की मांग की थी, जिस पर अदालत ने सरपंच प्रतिनिधि समय छह लोगों को आरोपी मानते हुए उन्हें समन जारी किए थे.
उन्होंने बताया कि इस पर सरपंच प्रतिनिधि समेत छह आरोपियों ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में खुद को तलब किए जाने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ एक रिवीजन पिटिशन दायर की थी, जिसमें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने केवल एक तारीख के लिए रोक लगा दी थी. उसके बाद से कोरोना के चलते उक्त मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई तथा उक्त आदेश ही चला आ रहा था.
कलसन ने बताया कि हाल में ही माननीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इंडियन रेसुरफेसिंग ऑफ रोड एजेंसी बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मामले में 21 जुलाई 2021 को आदेश पारित कर कहा था कि जिन मामलों में हाईकोर्ट ने स्टे जारी किए हैं, वह स्टे छह महीने के बाद प्रभावी नहीं रहेंगे.
गत छह अगस्त को भाटला समाजिक बहिष्कार मामले में हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत से मांग की की धारा 319 के तहत तलब किए गए आरोपियों के द्वारा हाईकोर्ट से स्टे हासिल किया गया था. मैं केवल एक तारीख पेशी के लिए था तथा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार अब उक्त स्टे प्रभावी नहीं है, जिसके बाद विशेष अदालत ने सरपंच प्रतिनिधि पुनीत कुमार समेत छह आरोपियों की गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए है.
विशेष बात यह है कि अदालत ने गिरफ्तारी वारंट व हांसी की एसपी को निर्देशित कर जारी किए हैं. अब अगली तारीख 24 सितंबर से पहले पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करना होगा.
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