राजस्थान (Rajasthan) के दौसा (Dausa) के सैंथल थाना परिसर में बने र्क्वाटर में हेड कॉन्स्टेबल गिरिराज बैरवा (Giriraj Bairwa) द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने का मामला गर्माता जा रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बैरवा के आत्महत्या करने से पहले उनके साथ बदमाशों द्वारा मारपीट करने की बात सामने आई है और गंभीर बात यह है कि इस मामले में उच्च अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
आज़ाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) ने ट्वीट कर कहा कि कॉन्स्टेबल गिरिराज बैरवा की आत्महत्या के पीछे बड़ी साजिश नजर आ रही है. इसकी CBI जांच होनी चाहिए. जिम्मेदार व्यक्तियों एवं शासन प्रशासन के लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
कांस्टेबल गिरिराज बैरवा की आत्महत्या के पीछे बड़ी साजिश नजर आ रही है। इसकी CBI जांच होनी चाहिए। जिम्मेदार व्यक्तियों एवं शासन प्रशासन के लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए @ashokgehlot51#JusticeForGirrajBairwa pic.twitter.com/4hm1lIB6ns
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) May 31, 2020
बता दें कि अलवर जिले (Alwar) के श्यामपुरा गांव का रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल गिरिराज सिंह सुसाइड केस में अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. आत्महत्या मामले को लेकर कस्बे व आसपास क्षेत्र के लोगों में यही चर्चा है कि हेड कॉन्स्टेबल ने किस बात को लेकर ऐसा कदम उठाया.
भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम बीनावाला निवासी जगदीश प्रसाद गुर्जर ने बताया कि पांच रोज पूर्व हेड कॉन्स्टेबल गिरिराज सिंह बीनावाला रोड से कहीं जा रहे थे. रास्ते में जगदीश प्रसाद गुर्जर ने उन्हें रोककर चाय पिलाई. इस पर गिरिराज सिंह ने आपबीती बताई थी.
गिरिराज सिंह ने जगदीश गुर्जर को बताया था कि 5 दिन पूर्व उसके साथ स्टाफ के लोगों के द्वारा दलालों से मारपीट करवाई गई. इस पर किसी भी स्टाफ द्वारा उसका साथ नहीं दिया गया.
जगदीश गुर्जर ने बताया कि गिरिराज सिंह ने अवैध बजरी खनन के मामले में मंथली बंधी लेने का बार-बार विरोध किया था, जबकि थाने के स्टाफ द्वारा दलालों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा था. गिरिराज को बार-बार अपमानित किया जा रहा था.
यहां सुनवाई नहीं हुई तो गिरिराज ने आगे भी इस बात को अवगत कराने के बारे में बताया, लेकिन वहां भी कोई न्याय नहीं मिला. जिस जगह 5 दिन पहले मारपीट की घटना घटित हुई है उस जगह की मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल के आधार पर इस मामले में कुछ खुलासा हो सकता है.
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