नई दिल्ली. यूपी में बुंदेलखंड के महोबा जिले में दलित दूल्हे के घोड़ी में चढ़ने का मामला अभी शांत भी नहीं पड़ा था कि अब अनुसूचित जाति की महिला प्रधान के साथ जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है. दरअसल, नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान सविता देवी पंचायत भवन में गांव के विकास को लेकर अधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग रहीं थीं. इसी दौरान गांव के कुछ दबंग वहां पहुंचे और दलित महिला प्रधान के साथ बदसलूकी की.
दबंगों ने दलित महिला प्रधान को कुर्सी से यह कहते हुए नीचे उतार दिया कि वो कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है. इस दौरान दबंगों ने जातिसूचक शब्द भी कहे. इस पर वहां विवाद हो गया है.
पूरे गांव में मचा हड़कंप
इस घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया है. दलित महिला प्रधान की शिकायत पर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार लिया है, जबकि बाकियों की तलाश जारी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रधान की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. एक की गिरफ्तारी की गई है, बाकियों को भी तलाश जारी है.
भेदभाव कर रहा है मुझे अंदर से परेशान
इस घटना के बाद दलित महिला प्रधान की भावनाओं को ठेस पहुंचा है. उन्होंने कहा कि गांव में ऐसा भेदभाव उन्हें अंदर से परेशान कर रहा है कि आजादी के इतने साल बाद भी उन्हें समाज में कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है.