नई दिल्ली/चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) में अंदरूनी कलह की जांच के लिए कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के बीच पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने आगामी पंजाब राज्य विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) के लिए दलित मुख्यमंत्री (Dalit Chief Minister) के उम्मीदवार की मांग उठाई है.
सोमवार को पंजाब (Punjab) समिति की बैठक में शामिल रहे 25 विधायकों में शामिल अमृतसर (Amritsar) के विधायक राजकुमार वेरका (Amritsar MLA Rajkumar Verka) ने कहा है कि वह चुनाव के लिए एक दलित सीएम (Dalit CM) चेहरे के लिए आवाज़ उठाएंगे.
इसके पीछे उनका तर्क है कि राज्य में 36 प्रतिशत दलित आबादी है, जो एक बड़ा हिस्सा है. इसलिए अगले सीएम के रूप में चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए दलित समुदाय से ही किसी को लेना उचित होगा.
हालांकि माझा क्षेत्र के एक मजबूत नेता वेरका ने दावा किया कि इनकी इस मांग को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘समिति पार्टी नेताओं से सुझाव मांग रही है और मैं अपना सुझाव खुद रखूंगा. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं कैप्टन के खिलाफ हूं. दरअसल, वेरका को कैप्टन अमरिंदर सिंह की लॉबी का हिस्सा माना जाता है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बयान में राज्य इकाई के भीतर गहरे संकट का संकेत दिया गया है. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वेरका की मांग कई समूहों का संकेत थी जो कोटकपूरा फायरिंग मामले में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद से पार्टी में उभरे हैं.
पार्टी नेताओं का कहना कि वेरका कैबिनेट मंत्री और दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Dalit leader Charanjit Singh Channi) जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं से काफी सावधान हैं, जो राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू खेमे (Navjot Singh Sidhu) के साथ हैं.