मराठा हो या जाट या गुर्जर या पटेल इन सभी जातियों को आरक्षण चाहिए.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को एक द्रमुक नेता की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है. मद्रास उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ उनके द्वारा की गई कथित टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मामले को रद्द करने से इंकार कर दिया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट की पीठ, द्रमुक नेता और राज्यसभा के सदस्य आर. एस. भारती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. उन्होंने उच्च न्यायालय के 22 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है. उच्च न्यायालय ने मामला रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी की थी कि प्रथमदृष्ट्या उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को ‘‘अपमानित’’ किया था.
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को रोजाना आधार पर बिना किसी विलंब के सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था. वकील अमित आनंद तिवारी के माध्यम से शीर्ष अदालत में दायर याचिका में भारती ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले में गलत तरीके से कहा गया है कि उनका बयान ऐसा है जिससे लोगों के बीच विभेद पैदा होगा और समाज में वैमनस्य फैलेगा.
भारती के खिलाफ पार्टी की बैठक में कथित भाषण को लेकर अथी तमिलार मक्कल काची के नेता कल्याणसुंदरम की शिकायत के आधार पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून और भादंसं की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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