नई दिल्ली/पटना. बिहार में एक बार फिर मल्लाह जाति (Mallah caste) को अनुसूचित जाति में शामिल करने की राजनीति शुरू हो गई है. संसद में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. दरअसल, पिछले दिनों बिहार सरकार ने मल्लाह और बिंद जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था.
आजतक पर प्रकाशित खबर के अनुसार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल ( Registrar General of India ) ने मल्लाह जाति से जुड़े बिहार सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है, जिसके कारण केंद्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि बिंद जाति से संबंधित प्रस्ताव का भी RGI ने समर्थन नहीं किया और इसे राज्य सरकार के पास इस आग्रह के साथ वापस भेज दिया गया कि वह इसकी समीक्षा करे या अपनी अनुशंसाओं को जायज ठहराए.
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लोकसभा चुनावों से पहले नीतीश ने भेजा था प्रस्ताव
बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को बिहार की अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कई जातियों को अनूसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का प्रस्ताव भेजा था. बिहार सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में बिंद, केवट, वनपर, गोधी, सुरहिया समेत अन्य जातियों को भी शामिल किया गया था.
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