आजादी के बाद उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई जब उन्हें राष्ट्र के संविधान निर्माण का दायित्व सौंपा गया.
नई दिल्ली. साल के 365 दिन इतिहास में तरह तरह की घटनाओं के साथ दर्ज हैं. इनमें कुछ अच्छी हैं तो कुछ बुरी. 31 मार्च का दिन भी ऐसी ही बहुत सी घटनाओं का साक्षी रहा है. ऐसी ही एक घटना की बात करें तो देश के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) को 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करके देश और समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान को नमन किया गया.
‘बाबासाहब’ भीमराव आंबेडकर ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और जीवनभर सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ते रहे. आजादी के बाद उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई जब उन्हें राष्ट्र के संविधान निर्माण का दायित्व सौंपा गया.
किसे दिया जाता है भारत रत्न सम्मानः-
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