Chauri Chaura kand Dalit Ramapati Chamar
इतिहास प्रसिद्ध चौरी-चोरा कांड (Chauri Chaura Kand) को कौन नहीं जानता, किंतु इस बात को कम ही लोग जानते हैं कि यह कांड केवल और केवल दलितों का ही विद्रोह (Dalit Revolt) था, जिसका कारण भारतीय वर्ण व्यवस्था (Indian Caste System) जनित घोर अपमान बोध था.
इस कांड में 19 लोगों को फांसी, 14 लोगों को आजीवन कारावास और शेष लोगों को क्रमशः 8, 5, 3 और 2 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा मिली. इस कांड में 232 लोगों का चालान हुआ और 22 लोग सेशन सुपुर्द हुए. फांसी सजा प्राप्त लोगों को 2 जुलाई 1923 को फांसी दे दी गई.
फांसी पाने वाले शहीदों में सभी लोग दलित ही थे. इनमें प्रमुख थे- रमापति चमार, संपत्ति चमार, छोटू पासी, अयोध्या चमार, अलगू पासी, कल्लू चमार, गरीब चमार, जगेसर पासी, नोहर चमार, फलई चमार, बिरजा चमार, मंडी चमार, मेड़ई चमार, मधुनाथ पासी, रामजस पासी और रामसरण पासी.
(स्रोत: माता प्रसाद का लेख ‘स्वतंत्रता संग्राम में दलितों का योगदान, ‘दलित वार्षिकी’ 2005, पृष्ठ 222)
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