Mahoba Dalit
नई दिल्ली : बुंदेलखंड (Bundelkhand) में सामन्तवादियों के दलितों के साथ उत्पीड़न की दास्तान अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही हैं. महोबा (Mahoba) में दलित दूल्हे (Dalit Groom) के घोड़ी में चढ़ने से रोकने और दलित महिला ग्राम प्रधान (Dalit Woman Gram Pradhan) को कुर्सी से उतारने के बाद अब एक दबंग ने दलित (Dalit) बटाईदार को पैर छूने की शर्त पर ही बटाई का अनाज देने के साथ उसके साथ गाली-गलौच की.
पीड़ित दलित बटाईदार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. बटाई का गल्ला ना मिल पाने से दलित बटाईदार को अपनी बेटी की शादी भी टालनी पड़ी है. उसने पुलिस अधीक्षक को भी लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई.
इस घटना के चलते पीडि़त वहां लोगों की सामंतवादी सोच और विचारधारा से परेशान है. गरीबी और मुफलिसी ने परिवार को परेशान कर रखा है.
दरअसल, 21 साल की रेणु (बदला हुआ नाम) के पिता बाबूराम वर्मा ने चंद्रशेखर राजपूत के साथ मिलकर करीब 12 बीघा जमीन को बटाई पर ले रखा था. दोनों की मेहनत के बाद फसल में गेंहू और चने की बेहतर पैदावार हुई थी, मगर अच्छी पैदावार को देख दबंग साझेदार की नियत बदल गई और अनाज के बंटवारे पर रोक लगा दी.
ऐसे में दलित परिवार की बेटी की शादी रूक गई. घर में अनाज की कमी के चलते लड़के वालों ने लड़की से शादी करने से इंकार कर दिया है.
बीते 26 अप्रैल को आरती की शादी तय हुई थी मगर रिश्ता अनाज के अभाव में टूट गया. हैरान परेशान पिता ने लड़के वालों से कुछ मोहलत मांगी कि हमारे पास कुछ ही दिनों में अनाज आ जायेगा, मगर साझेदार से 10 जून को अनाज न मिल पाने की वजह से 19 जून को होने वाली शादी आखिरकार टूट गई.
अब परिवार सरकारी राशन के सहारे पेट की आग बुझा रहा है. परेशान पिता बेटियों के सिर पर हाथ रखकर जिला प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है.
रेणु बताती हैं कि परिवार को चलाने के लिए मेरी मां ईंट भट्टे पर काम कर किसी तरह हम सभी का भरण पोषण कर रही है. पिता को खेती से आस थी मगर अनाज नहीं मिला. सामंतवादी सोच के चलते मेरे पिता के साझेदार हम सभी से अनाज के बदले पैर पड़ने की शर्त रख रहे हैं. यही वजह है कि जिंदगी की गाड़ी जिस रफ्तार से चली थी उस पर सामंतवादी सोच विचारधारा ने ब्रेक लगा दिया है.
शादी टूटने के बाद रेणु के पिता बाबूराम हाथों में वर पक्ष से आए संदेश को देखकर फूट फूटकर रो रहे हैं. वह कहते हैं कि मेरी बेटी की शादी एक बार नहीं दो बार टूटी है. अगर मुझे बटाई का अनाज दे दिया होता तो परिवार के हालातों के साथ-साथ मेरी बेटी के हाथ पीले हो गए होते. मगर तमाम शिकवा शिकायतों के बाद भी आज तक हमें अपने हिस्से का अनाज नहीं मिल सका है. मैंने हैरान और परेशान होकर पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित की पुत्रियां आरती, सुधा और रोशनी रो-रोकर अपना दर्द बयां कर रही हैं.
महोबा की पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह बताती है कि कबरई थाना क्षेत्र से एक व्यक्ति द्वारा अपने ही साझेदार के खिलाफ शिकायती पत्र दिया गया था, जिस पर अनाज के बंटवारे का विवाद बताया गया है. इस मामले को गंभीरता से लेते जांच की जा रही है और तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं. मामले की जांच पूरी होने पर दोषी पाए जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
इस मामले को लेकर भीम आर्मी के महोबा जिलाध्यक्ष आकाश रावण ने DalitAwaaz.com से बातचीत में कहा कि एसपी सुधा सिंह से हमारी बात हुई है और उनका कहना है कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है. लिहाजा, प्रशासन का इस मामले में पूरा संज्ञान है और आश्वासन दिया है कि दो दिन का समय दिया जाए. अगर जांच रिपोर्ट के बाद संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई तो भीम आर्मी आगे की रणनीति तैयार करेगी.
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