देश की सफल दलित शख्सियतों के बारे में अगर हम बात करें तो इनमें राजेंद्र पाल गौतम का नाम जरूर आता है. बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा से बेहद प्रभावित राजेंद्र पाल गौतम ने हमेशा दलितों/वंचितों के हक की लड़ाई लड़ी है.
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सरकार में अहम ओहदा संभाले हुए हैं. वह दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर समाज कल्याण मंत्रालय, अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्रालय, रजिस्ट्रार ऑफ को-आपरेटिव सोसाइटीज व गुरूद्वारा इलेक्शन का प्रभार संभाल रहे हैं.
आइये जानते हैं राजेंद्र पाल गौतम के बारे में…
सीमापुरी विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक राजेंद्र पाल गौतम का जन्म दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के घोण्डा क्षेत्र में हुआ. दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री लेने के साथ-साथ इन्होंने गरीब परिवारों के लगभग 450 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने तथा युवाओं में नशे की लत छुड़ाने का काम किया.
साल 1987 में बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर द्वारा स्थापित समता सैनिक दल के सैनिक बनकर पूरे देश में दलितों और पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी.
साल 2001 में समता सैनिक दल को दिल्ली सरकार द्वारा डॉ. आंबेडकर रत्न अवॉर्ड दिया गया.
राजेंद्र पाल गौतम की समाज में गहरी पकड़ एवं जुझारू प्रवृति को देखते हुए साल 2002 में उन्हें समता सैनिक दल का राष्ट्रीय प्रधान महासचिव का दायित्व सौंपा गया. इस दायित्व को उन्होंने पूरे 8 साल तक निभाया.
उनके द्वारा दलितों के लिए किए गए संघर्ष के कारण ही महामहिम राष्ट्रपति जी ने साल 2017 में समता सैनिक दल को डॉ. आंबेडकर रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया.
केवल यही नहीं, 26-अलीपुर रोड को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने में भी समता सैनिक दल का विशेष योगदान रहा.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी में वह साल 2014 से प्रभावित सक्रिय हो गए. इसकी वजह उनका पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की विचारधारा से प्रभावित होना रहा. साल 2015 में सीमापुरी विधानसभा से वह विधायक चुने गये. इसके बाद साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी वह इसी सीट से दोबारा चुने गए.
दरअसल, दिल्ली राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से सीमापुरी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. यह इलाका नई सीमापुरी और पुरानी सीमापुरी के नाम से बंटा हुआ है. राजेंद्र पाल गौतम के विधायक बनने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास हुआ है.