Dalit History (13th March): डॉ. आंबेडकर ने इन आदर्शों के साथ समता सैनिक दल की स्थापना की

लेखक एवं बहुजन विचारक दयानंंद कांबले सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय, महाराष्ट्र सरकार में उप निदेशक (समाचार) के पद पर कार्यरत हैं.

Dalit History (13th March) | दलित इतिहास (13 मार्च) : बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar) ने 13 मार्च 1927 को अखिल भारतीय समता सैनिक दल (All India Samata Sainik Dal) की स्थापना की थी. AlSSD का मूल सिद्धांत बुरी जाति व्यवस्था (Caste System) का सफाया करके भारतीय समाज की जनता के बीच “समानता” (Equality) स्थापित करना है. डॉ. आंबेडकर (Dr. Ambedkar) ने एआईएसएसडी के नियम और कानून निर्धारित किए, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

समता सैनिक दल (Samata Sainik Dal) का प्रशिक्षण शारीरिक, बौद्धिक और सैन्य प्रकार का होगा. समता सैनिक दल प्रशिक्षण शिविरों, स्कूलों, क्लबों, कक्षाओं, व्याख्यानों, वाद-विवादों, पुस्तकालयों आदि और ऐसे अन्य प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करेगा, जिन्हें वह समय-समय पर उचित समझे.

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क़सम
मैं, भारतीय (अनुसूचित जाति) समुदाय (Scheduled Caste Community) का सदस्य, समता सैनिक दल के रैंक में प्रवेश करते हुए, शपथ लेता हूं और सभी उत्पीड़न, शोषण और गुलामी से वर्ग अपनी मुक्ति के गौरवशाली उद्देश्य में एक सम्माननीय, बहादुर, अनुशासित और दृढ़ सेनानी होने की शपथ लेता हूं.

बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा स्थापित ‘अखिल भारतीय समता सैनिक दल’ की आंबेडरकारी आंदोलन में एक सशक्त भूमिका रही है. लेकिन आज समाज ने इस संगठन को करीब-करीब भूला ही दिया है. 20 जुलाई, 1942 को मोहननगर, नागपुर में आयोजित समता सैनिक दल के प्रथम अधिवेशन में डॉ. आंबेडकर ने कहा था, ‘यदि हम अपनी राजनीतिक गतिविधियाँ बगैर किसी बाधा व छेड़खानी के करते रहे तो इसका श्रेय हमारे स्वयंसेवी संगठन, ‘समता सैनिक दल’ को है, जिसकी शक्ति के कारण कोई हमारे काम में रूकावट पैदा नहीं कर सका. हम इसके बहुत ज्यादा कृतज्ञ हैं.’

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