आज बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2020) है. 563 ईसा पूर्व आज ही के दिन गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) का जन्म हुआ था. इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन 483 ईसा पूर्व उनका महानिर्वाण भी हुआ. बुद्ध ने अपने जीवन में कभी कोई चमत्कार नहीं किया. ना ही खुद को कोई ईश्वरीय अवतार घोषित किया. वह पूर्णता वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते थे.
श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, कोरिया, वियतनाम, मंगोलिया, चीन, ताइवान, तिब्बत व भूटान आदि बौद्ध देशों के लोग बुद्ध को ईश्वर का अवतार नहीं मानते. भारत के हिंदुओं को छोड़कर पूरी दुनिया में बुद्ध को महामानव माना जाता है.
आइये जानते हैं बुद्ध (Buddha) से जुड़ीं खास बातें…
बुद्ध के 5 उपदेश (5 sermons of Buddha) :
1. हम हमारे विचारों के अनुसार आकृति रखते हैं; जैसा हम सोचते हैं, वैसे ही हो जाते हैं.
2. तीन चीजें छिपाई नहीं जा सकतीं: सूर्य, चंद्र और सत्य
3. शारीरिक आकर्षण आंखों को आकर्षित करता है, अच्छाई मन को आकर्षित करती है.
4.किसी चीज को इसलिए मत मानो की ये सदियों से चली आ रही हैं, या हमारे बुजुर्गों ने कही है, या किसी आस्थावादी किताब में लिखी है. किसी चीज को इसलिए मत मानो की ये स्वयं मैंने कही हैं. किसी चीज को मानने से पहले यह सोचो की क्या ये सही है. किसी चीज को मानने से पहले ये सोचो की क्या इससे मानव का, सभी जीवों का विकास संभव है. किसी चीज को मानने से पहले उसको बुद्धि की कसौटी पर कसो और आपको अच्छा लगे तो ही मानो, नहीं तो मत मानो.
5. तुम जिस के पीछे पड़ते हो उसी को खो देते हो.
बौद्ध धर्म के 5 मुख्य तीर्थ स्थान (5 main shrines of Buddhism) :
1. लुम्बिनी – जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ.
2. बोधगया – जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ.
3. सारनाथ – जहां से बुद्ध ने दिव्यज्ञान देना प्रारंभ किया.
4. कुशीनगर – जहां बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ.
5. दीक्षाभूमि, नागपुर – जहां भारत में बौद्ध धर्म का पुनरूत्थान हुआ.
बुद्ध द्वारा अपने अनुयायियों के लिए दिए गए 5 नियम (5 rules given by Buddha to his followers:):
1. अहिंसा का पालन करना
2. चोरी ना करना
3. नशीली चीजों का सेवन न करना
4. सत्य के मार्ग पर चलना
5. व्यभिचार न करना
बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) के अनुसार, उनकी बौद्ध धर्म की सोच जानने के लिए उनकी तीन पुस्तकें पढनी जरूरी हैं:
1. भगवान बुद्ध और उनका धम्म
2. बुद्ध और कार्ल मार्क्स
3. भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति