बीजेपी का समरसता दिवस, सपा की बाबा साहेब वाहिनी; आंबेडकर जयंती के बहाने राजनीति शुरू

नई दिल्ली. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति (Dalit Politics) की शुरुआत हो गई है. प्रदेश के सभी राजनीतिक दल बाबा साहेब आंबेडकर (Bhim Rao Ambedkar Jayanti) की जयंती के बहाने दलित वर्ग को रिझाने में जुट गए हैं. सत्तासीन पार्टी बीजेपी ने आंबेडकर जयंती को समरसता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है.

वहीं, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इस दिन ‘बाबा साहेब वाहिनी’ गठित करेगी. इतना ही नहीं कांग्रेस आंबेडकर जयंती के दिन दलितों बस्तियों में लोगों को बाबा साहेब के सिद्धांतों और विचारों को बताने की तैयारियों में जुटी हुई है.

दलितों को लुभाने की कवायद क्यों?
आंबेडकर जयंती पर एक के बाद एक ऐलान होने के बाद अब सवाल उठता है कि दलितों को लुभाने की कवायद क्यों हो रही है. दरअसल,
उत्तर प्रदेश में करीब 22 फीसदी दलित (Dalits) समुदाय के लोग हैं. इसमें 14 फीसदी आबादी जाटव की है और बाकि बची आबादी गैर जाट व दलितों की है. इनमें 50-60 जातियां और उप-जातियां हैं. आमतौर पर यही वोट विभाजित होता है.

ये भी पढ़ेंः- अखिलेश यादव का ऐलान, सपा करेगी ‘बाबा साहेब वाहिनी’ का गठन

2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वक्त के साथ दलित वोटर्स का बसपा से जुड़ाव खत्म हो रहा है. अब दलित वोटर बीजेपी के पाले में खड़ा दिखा है. हालांकि यह किसी भी पार्टी के साथ स्थिर नहीं रहता. अब इस वोट बैंक पर सपा और कांग्रेस की भी नजर है. बसपा के कई बड़े नेता भाजपा, सपा और कांग्रेस में हैं, गैर-जाटव वोट जिनके साथ लामबंद हो सकता है.

dalitawaaz

Dalit Awaaz is the Voice against Atrocities on Dalit & Underprivileged | Committed to bring justice to them | Email: dalitawaaz86@gmail.com | Contact: 8376890188

Recent Posts

Mayawati की BSP महारैली – क्या इशारों में चंद्रशेखर आजाद पर वाकई निशाना साधा गया?

मायावती का यह बयान दलित राजनीति (Dalit Politics) में 'नेतृत्व संघर्ष' के संकेत के रूप…

38 mins ago

Dr. BR Ambedkar on Ideal Society : एक आदर्श समाज कैसा होना चाहिए? डॉ. बीआर आंबेडकर के नजरिये से समझिये

लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है. यह मुख्य रूप से संबद्ध जीवन, संयुक्त…

2 years ago

This website uses cookies.