नई दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) संगठन को दुरुस्त कर फिर मजबूत करने की कवायद में जुटी हुई हैं. मिशन 2022 को पूरा करने के लिए बहन मायावती (Mayawati) ने नई रणनीति अपनाई है. उनके नए फैसले के तहत मुख्य सेक्टर प्रभारियों की जिम्मेदारियों में फिर से बड़ा फेरबदल किया गया है. उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर बूथ गठन के काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है. पहले बूथ गठन की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष देख रहे थे. इसके साथ ही भाईचारा कमेटियों को एक बार फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है.
कमेटियों के गठन की समीक्षा अगस्त के दूसरे हफ्ते में बसपा सुप्रीमो करेंगी
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बूथ गठन, सेक्टर गठन एवं भाईचारा कमेटियों के गठन की समीक्षा अगस्त के दूसरे हफ्ते में बसपा (BSP) सुप्रीमो करेंगी, जिसमें मुख्य सेक्टर प्रभारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. इसी आधार पर बीएसपी की मजबूती को परखा जाएगा और जरूरी कदम उठाएं जाएंगे.
बूथ गठन के लिए मुख्य सेक्टर प्रभारियों को लगाया गया
वहीं, बूथ गठन के लिए मुख्य सेक्टर प्रभारियों को लगा दिया गया है. ये प्रभारी स्वयं अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर अपनी निर्देशन में बूथ गठन के कार्य को पूरा कराएंगे. इस काम को पूरा करने के लिए अगस्त तक की डेडलाइन दी गई है.
भाईचारा कमेटियों के गठन की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्र दी गई
भाईचारा और ब्राह्मणों को पार्टी के साथ जोड़ने का लक्ष्य भी बसपा सुप्रीमो ने राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दिया है. भाईचारा कमेटियों के गठन का काम भी जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. साल 2007 के चुनाव में भाईचारा कमेटियों ने बसपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया था.
मंडलवार इन्हें दी गई जिम्मेदारियां
लखनऊ मंडल: अशोक सिद्धार्थ, नौशाद अली, रामजी गौतम, धर्मवीर सिंह.
प्रयागराज मंडल: अशोक सिद्धार्थ, डॉ. विजय प्रताप, अशोक कुमार गौतम, राजू गौतम, दीपचंद्र गौतम
कानपुर मंडल: भीमराव आंबेडकर, नौशाद अली
मिर्जापुर मंडल: डॉ. विजय प्रताप गौतम, अशोक गौतम, बी सागर, राज नरायण निराला
वाराणसी मंडल: डॉ. विजय प्रताप गौतम के साथ अन्य पुराने लोगों को लगाया गया है