आरक्षण

47 साल से जारी प्रमोशन में आरक्षण को महाराष्‍ट्र ने एक झटके में क्‍यों खत्‍म किया?

नई दिल्‍ली/मुंबई : प्रमोशन में आरक्षण (Reservation in Promotion) के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में फिर से बवाल होना शुरू हो गया है. इस मुद्दे पर एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के बीच चल रही जंग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के लिए अब सिरदर्द बनती जा रही है, क्‍योंकि नाराज कांग्रेस ने सरकार छोड़ने की धमकी भी दे दी है. इसके चलते आज प्रदेश कैबिनेट की बैठक होने वाली है, जिसमें सीएम उद्धव ठाकरे क्या फैसला लेंगे, इसपर सबकी नजर बनी हुई है.

33 प्रतिशत आरक्षण को एक झटके में खत्म किया गया
राज्य सरकार की ओर से 7 मई को जारी शासनादेश में आरक्षित वर्ग के लोगों के सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में 33 प्रतिशत आरक्षण को रद्द किया गया. जिस 33 प्रतिशत आरक्षण को एक झटके में खत्म किया गया है, वह 1974 से है. देश में महाराष्ट्र इकलौता राज्य है, जहां एससी व एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को खत्म किया गया है. इस शासनादेश के तहत जो पद पहले अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी), नोमेडिक ट्राइब(एनटी), विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के लिए आरक्षित थे, उनके आरक्षण को अब खत्म कर दिया है.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार से हुई गरमागरम बहस…
दरअसल, मंत्रिमंडल की बैठक में कांग्रेस के मंत्री प्रोमोशन में आरक्षण (Reservation in Promotion) का मुद्दे उठाने वाले हैं. कैबिनेट की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ कांग्रेस के मंत्री नितिन राउत, वर्षा गायकवाड और विजय वडेट्टीवार की गरमागरम बहस भी हो चुकी है.

कांग्रेस सरकार से अलग हो सकती है!
अटकलों के अनुसार, कांग्रेस (Congress) के बिगड़े रुख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यदि शिवसेना (Shiv Sena) इन मुद्दों पर सहमत नहीं होती है तो कांग्रेस सरकार से अलग हो सकती है.

ऊर्जा मंत्री नितिन राउत इस मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक हैं..
सीनियर कांग्रेस लीडर बालासाहेब थोराट का कहना है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन को हटाने पर सरकार ने अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर दी है. अब कैबिनेट मीटिंग में एक बार फिर से इस मामले को उठाया जा सकता है. राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत इस मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक हैं. उनका कहना है कि प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने और रिक्त सरकारी नौकरियों को सीनियरिटी से भरने का 7 मई का राज्य सरकार आदेश तत्काल रद्द होना चाहिए.

प्रमोशन में आरक्षण एक संवैधानिक व्यवस्था है: नाना पटोले
मंत्रिमंडल की मीटिंग से पहले ही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी देना शुरू कर दिया है. बुधवार को ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी की राय एकदम स्पष्ट है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इससे अवगत करा दिया गया है. नाना पटोले ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण एक संवैधानिक व्यवस्था है, इसलिए सरकार इससे अलग नहीं जा सकती है.

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बॉम्बे हाईकोर्ट का शासनादेश पर रोक लगाने से इनकार
बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी फिलहाल राज्य सरकार के इस शासनादेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने साफ किया है कि यदि इस शासनादेश के तहत किसी को पदोन्नति दी जाती है तो वह अदालत के अंतिम फैसले के अधीन होगी. कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब भी मांगा है. हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से 7 मई 2021 को जारी शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है.

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