जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था तब वे बेचैन से थे. वह भारतीय फौज को ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध संघर्ष के लिए संगठित कर रहे थे, जो यूरोप में जीवन-मरण की लड़ाई में उलझी थी.
सुभाष बाबू ने बम्बई आकर मोहम्मद अली जिन्ना, डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) और सावरकर से 22 जुलाई, 1940 को मुलाकात की.
संघ के मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद, डॉ. आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने सुभाष बाबू से पूछा कि क्या वह चुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. उनका उत्तर नकारात्मक था.
तब डॉ. आंबेडकर ने सुभाष बाबू से पूछा कि अछूतों की समस्या पर उनकी पार्टी का सकारात्मक दृष्टिकोण क्या होगा. सुभाष बाबू के पास कोई युक्तिसंगत उत्तर नहीं था, अतः बातचीत वहीं समाप्त हो गई.”