दलित उत्‍पीड़न

बदायूं: वाल्‍मीकि समाज के लोगों के बाल नहीं काटे जाते, नल से पानी नहीं पीने देते, आंदोलन करने पर भीम आर्मी-पुलिस में गहमागहमी

नई दिल्‍ली/बदायूं: 21वीं सदी में आज भी भारत में अनुसूचित जाति समाज (Scheduled Caste Society) के लोग न केवल अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि उन्‍हें अपने हकों के लिए आंदोलन कर आवाज़ उठाने से भी रोका जाता है. कुछ ऐसा ही देखने ही देखने को मिल रहा है उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं जिले (Badaun District) के दातागंज (Dataganj) में. यहां करीब 37 गांवों में वाल्‍मीकि समाज (Valmiki Community) के लोगों के बाल तक काटने से इनकार कर दिया जाता है. उन्‍हें सरकारी नलों से पानी नहीं पीने दिया जाता और उनके घरों के आगे कूड़े के ढेर लगा दिए जाते हैं. इसके खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए भीम आर्मी ने शुक्रवार को वाल्‍मीकि महापंचायत (Valmiki Mahapanchayat) बुलाई है. भीम आर्मी (Bhim Army) का आरोप है कि उन्‍हें महापंचायत करने से भी रोका जा रहा है, यहां तक की पुलिस-प्रशासन चुन-चुनकर उनके चालान काट रहा है. खबर लिखे जाने तक महापंचायत स्‍थल पर काफी गहमागहमी का माहौल था.

भीम आर्मी की तरफ से अपनी मांगों को लेकर दातागंज के दसवा संस्‍कार गृह पर वाल्‍मीकि महापंचायत का आयोजन किया गया…

भीम आर्मी के बरेली मंडल के प्रमुख महासचिव विकास बाबू ने दलित आवाज़ को बताया कि दातागंज में वाल्‍मीकि समाज के लोगों के गांव में बाल काटने से इनकार कर दिया जाता है, यहां तक की बाजार में भी उनके बाल नहीं काटने दिए जाते हैं. यहां तक की उन्‍हें सार्वजनिक नलों से पानी भी नहीं पीने दिया जाता है. उनके घरों के आगे कूड़ा फेंक दिया जाता है. इन सबके खिलाफ भीम आर्मी की तरफ से आंदोलन किया जा रहा है.

 

उन्‍होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. पुलिस की तरफ से चौराहों पर कड़ी नाकेबंदी की गई है और नीला गमछा देखकर उनको रोका जा रहा है. पूछताछ की जा रही है. गांव गांव जाकर लोगों को धमकाया जा रहा है. हमारी मांगे स्‍पष्‍ट हैं कि हमें हर नल पर पानी पीने का अधिकार मिले, हर दुकान पर बाल कटवाने का अधिकार मिले, घरों के आगे पढ़े कूड़े के ढेरों को हटाया जाए.

इन मांगों को लेकर दातागंज के दसवा संस्‍कार गृह पर वाल्‍मीकि महापंचायत (Valmiki Mahapanchayat) का आयोजन किया गया. इस महापंचायत के आयोजन को लेकर बदायूं पुलिस की ओर से कई लोगों के शांतिभंग के चालान तक काटे गए हैं. खबर लिखे जाने तक भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच काफी गहमागहमी की स्थिति थी. भीम आर्मी का कहना है कि उन्‍हें पुलिस प्रशासन की ओर से महापंचायत करने से रोका जा रहा है और वह अपनी मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.

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