लॉकडाउन में बढ़ीं जातिगत हिंसा, 30 बड़ी घटनाएं सामने आईं, प्रवासी मजदूरों पर भी हमले बढ़े- रिसर्च

Dalit-Atrocities

चेन्नई (Chennai) के मदुरै (Madurai) स्थित एक गैर सरकारी संस्‍था एविडेंस (Evidence) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस महामारी (Covid 19) के दौरान तमिलनाडु में जाति आधारित हिंसा ने बुरी तरह से वापसी की है. संस्‍था के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर ए काथिर आरोप लगाते हुए कहते हैं ” तमिलनाडु (Tamil Nadu) को एक अत्याचारी राज्य घोषित कर दिया जाना चाहिए. यहां जातियों की स्थिति जैसी है, वैसी किसी अन्य राज्य में नहीं.”

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संस्‍था एविडेंस के एक अध्ययन के मुताबिक, लॉकडाउन- 1 (Lockdown) से अब तक राज्‍य में जातिगत आधारित कम से कम 30 बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कई स्थानों पर कुछ उच्च-जाति के समूह दलितों (Dalits) के साथ मारपीट करने के अवसर के रूप में लॉकडाउन का उपयोग कर रहे हैं.

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काथिर के अनुसार, इसके अलावा दूसरे राज्यों से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों पर भी हमले बढ़े हैं. इनमें से ज्यादातर दलित हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए दलितों को निशाना बनाने वाले आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्‍ट के तहत कार्रवाई की जाए.

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सामाजिक कार्यकर्ता ए काथिर कहते हैं कि कई मामलों में तो 40-50 लोगों ने समूह में हमला किया. वह सवाल उठाते हैं कि आखिर लॉकडाउन में यह कैसे मुमकिन है? वह आगे कहते हैं कि बीते 4 दिनों में चार दलितों की हत्या कर दी गई. इसके अलावा ऑनर किलिंग, समूह द्वारा हमला, मर्डर, रेप और उत्पीड़न जैसी घटनाएं लॉकडाउन में भी जारी हैं.

उनका कहना है कि इस दौरान जाति आधारित हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं. लॉकडाउन की वजह से पीड़ित पक्ष अपने साथ हुए हमले की शिकायत ठीक से भी दर्ज नहीं करा पा रहा है.

काथिर ने कहा कि हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी (Corona Panedemic) के चलते आदेश दिया है क‍ि आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होने की जरूरत नहीं है. ऐसे में लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. सरकार को इस पर नीतिगत फैसला लेना चाहिए.

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काथिर कहते हैं, “एक महीने में औसतन 100 मामले एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Prevention of Atrocities Act) के तहत दर्ज किए जाते हैं.”

उनके अनुसार, “इनमें से ज्यादातर मामूली घटनाएं हैं, जबकि 4 से 5 बड़े अपराध हो सकते हैं, लेकिन इस महीने, हम जिन 30 घटनाओं की बात कर रहे हैं, वे सभी बड़ी हैं. इसलिए यह अपराधों में तेजी से वृद्धि है.”

काथिर के अनुसार, एक ऐसे ही ऑनर किलिंग के मामले में मोरप्पांथंगल गांव में ओद्दार जाति से ताल्‍लुक रखने वाले सुधाकर की हत्या कर दी गई. लड़की के आरोपी पिता को मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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उनके मुताबिक, एक अन्य मामले में एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर पर महज इसलिए अटैक कर दिया गया, क्‍योंकि उसने कस्‍बे में लगी बाबा साहब की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वाले समूह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

काथिर कहते हैं कि बीते 21 अप्रैल को पुडुकोट्टई जिले के एमबीए ग्रेजुएट दलित मुरुगानंदन पर उनकी पत्नी भानुप्रिया के परिजन ने हमला किया और भानुप्रिया का अपहरण कर लिया गया. बाद में भानुप्रिया को छुड़ा भी लिया गया.

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