दलितों का रास्‍ते से निकलना भी सवर्णों को नांगवारा, 100 दलित परिवारों ने गांव छोड़ा

Maharashtra 100 dalits left the village due to dalit atrocities in Amravati Chandur Railway Tehsil Danapur

नई दिल्‍ली/अमरावती : महात्‍मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule), छत्रपति शाहू जी महाराज (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj) और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Babasaheb Dr. Bhimrao Ambedkar) की धरती महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में दलित उत्‍पीड़न (Dalit Atrocities) का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां अमरावती जिले (Amravati District) में 100 दलितों (Dalits) को दबंगों के अत्याचार की वजह से गांव छोड़ना पड़ गया (100 Dalits left the Village) है. इस घटना के कारण इलाके में जातीय तनाव भी बना हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार, मामला महाराष्ट्र के अमरावती जिले के चांदूर रेलवे तहसील दानापुर इलाके (Chandur Railway Tehsil Danapur) का है. यहां कथित उच्‍च जाति का कहलाने वाले लोगों ने गांव के दलितों को इतना परेशान कर रखा है कि इससे तंग आकर विरोधस्वरूप 100 दलितों ने गांव को ही छोड़ दिया (100 Dalits left the Village) है. अब ये सभी लोग गांव के नजदीक पाझर तालाब के पास डेरा जमाए हुए हैं. इनका कहना है कि अब ये कभी वापस गांव नहीं जाएंगे. लिहाजा, गांव में मौजूद उनकी जमीन जायदाद की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. इन सभी लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचित करते हुए कहा है कि हम दलितों पर हो रहे अत्याचारों को हम कब तक सहेंगे. हमको इस गांव में रहने की जरा भी इच्छा नहीं है.

Maharashtra: चंद्रपुर में दलित परिवारों को बांधकर पीटने के मामले में अब तक हुई ये कार्रवाई

पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी (People’s Republican Party) के कार्याध्यक्ष चरणदास इंगोले बताते हैं कि इस गांव में जातीय उत्‍पीड़न (Caste Oppression) के शिकार दलितों के लिए बड़ी मुश्किल वह रास्ता है, जिससे गुजरकर दलित समाज (Dalit Community) अपने खेतों तक जाता है. दलित समाज का आरोप है कि जब भी वह रास्ते का इस्तेमाल करते हैं तो गांव के दबंग सवर्ण लोग नाराज होते हैं. इस बात को लेकर उनके साथ बार बार गाली गलौज और मारपीट भी की जाती है. दबंगों ने अब इस रास्ते को भी बंद कर दिया है.

47 साल से जारी प्रमोशन में आरक्षण को महाराष्‍ट्र ने एक झटके में क्‍यों खत्‍म किया?

मामला, तब और संगीन हो गया जब कुछ दिन पहले एक गरीब दलित परिवार ने उस रास्ते के जरिए अपने खेत में लगी सोयाबीन की फसल को जाकर देखने की कोशिश की तो सवर्णों ने उसकी पूरी फसल को ही आग लगाकर जलाकर राख कर दिया. इसी घटना के बाद गांव के 100 दलित लोगों ने गांव छोड़ दिया.

दलित समाज का यह भी आरोप है कि केवल जातीय उत्‍पीड़न (Caste Oppression) ही नहीं, सवर्ण समाज के लड़के उनकी नाबालिग लड़कियों के छेड़खानी भी करते हैं. इस बाबत पुलिस में शिकायत भी दी गई थी. मामले के कोई कार्रवाई ना होते देख गांव वालों ने आमरण अनशन किया, तब जाकर आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी थी.

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…