कोरोना (Covid 19) महामारी व लॉकडाउन (Lockdown) के तीसरे चरण के बीच अपने-अपने गांव वापस लौट रहे गरीब प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूले जाने की खबरों के बीच बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने कहा है कि अगर सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया नहीं दे पा रहीं, तो बीएसपी उनकी मदद करेगी.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं. सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पाएंगी. बीएसपी की यह मांग है.
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उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में बीएसपी का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बीएसपी सामर्थ्यवान लोगों से मदद लेकर उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी.
1. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे
पायेंगी। बी.एस.पी. की यह माँग है। 1/2— Mayawati (@Mayawati) May 5, 2020
2. ऐसी स्थिति में बी.एस.पी. का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बी.एस.पी., अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) May 5, 2020
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के संकट के बीच बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Behen Mayawati) ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर मौके पर एक जायज़ मांग उठाई थी. उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों से अपील की कि उन बड़ी प्राइवेट कम्पनियों का संज्ञान लिया जाए, जो केवल अपना मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों की सैलरी में मनमानी कटौती कर रही हैं.
खास बात यह है कि श्रमिकों के हकों की बात करने वाले मजदूर संगठनों और किसी बड़ी पार्टी ने अभी तक इस बारे में चूं तक नहीं की है, जबकि इससे वाकिफ सब हैं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस, जिसे मई दिवस के रूप में मजदूर व मेहनतकश वर्ग हर वर्ष धूम से मनाते हैं, परन्तु वर्तमान कोरोना महामारी (Covid 19) व लॉकडाउन (Lockdown) के कारण उनकी रोजी-रोटी पर अभूतपूर्व गहरा संकट छाया हुआ है. ऐसे में केन्द्र व राज्यों की कल्याणकारी सरकार के रूप में भूमिका बहुत ही जरूरी है.
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, इसलिए केन्द्र व राज्य सरकारों से अपील है कि वे करोड़ों गरीब मजदूरों व मेहनतकश परिवार वालों के जीवनदायी हितों की रक्षा में सार्थक कदम उठाएं व उन बड़ी प्राइवेट कम्पनियों का भी संज्ञान लें जो केवल अपना मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों की सैलरी में मनमानी कटौती कर रही हैं.