दलित जजों (Dalit Judges) पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (Dravida Munnetra Kazhagam) के राज्यसभा सदस्य आरएस भारती को शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. भारती ने बीते फरवरी माह में यह टिप्पणी की थी.
भारती, जो DMK के संगठनात्मक सचिव हैं, को चेन्नई के नंगनल्लूर इलाके में उनके निवास से गिरफ्तार किया गया. हालांकि एएनआई के अनुसार, उन्हें कुछ घंटे बाद अंतरिम जमानत दे दी गई.
पुलिस ने उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट (Scheduled Castes/Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act) के तहत केस दर्ज किया है.
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रिपोर्ट के अनुसार, बीते 15 फरवरी को, भारती ने चेन्नई के डीएमके यूथ विंग मुख्यालय, अनबगम में एक कलैग्नर रीडर्स सर्कल इवेंट में यह टिप्पणी की थी. उन्होंने अपने भाषण में दावा किया था कि द्रविड़ आंदोलन से मिली “भीख” के कारण दलितों को तमिलनाडु में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
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भारती ने इस दौरान कहा, “अब फिर से, वे [ब्राह्मण] अदालत में हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि मैं आपको बता रहा हूं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court), आरएसएस [राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ] का केंद्र बन गया है.”
हालांकि सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद, भारती ने माफी मांगते हुए दावा किया कि उनका एकमात्र उद्देश्य कलाइग्नार (पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि) द्वारा “उत्पीड़ित व्यक्तियों” के लिए किए गए कार्यों को बताया था.
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अपनी गिरफ्तारी से पहले भारती ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उनके खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है. News Minute के अनुसार, फरवरी में अपनी टिप्पणी के बारे में उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर एक विशेष समूह ने उस भाषण को लेकर मेरे खिलाफ अभियान चलाया. अगले दिन, मैंने उस पर प्रतिक्रिया दी. तब से 100 दिन हो चुके हैं. आज तड़के वे मुझे गिरफ्तार करने आए.”
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