यूपी विधानसभा चुनाव से पहले दलित राजनीति का पैंतरा बदलेगा BSP सुप्रीमो मायावती का यह कदम?

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की राजनीति अभी से गर्मा गई है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी आम जनता को लुभाने में लगे हुए हैं. वहीं, ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) सुप्रीमो बहन मायावती (Mayawati) ने बड़ा कदम उठाते हुए ने पार्टी के कद्दावर और विधानमंडल में सदन के नेता लालजी वर्मा के अलावा और राम अचल राजभर को पार्टी कर दिया है.

मायावती की ओर से जारी की गई चिट्ठी में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है.

चिट्ठी में कहा गया है कि दोनों ही विधायक अब पार्टी की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे. 2 विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद राज्य में बसपा विधायकों की संख्या 11 हो गई है.

बसपा के बागी विधायक असलम राइनी ने कहा है कि राज्यसभा चुनावों से लेकर अब तक तमाम तरह से सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी को डैमेज किया है. पिछली बार जब बसपा ने 7 विधायकों को निष्कासित किया था तब उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष से मुलाकात की थी. इस बार भी लग रहा है कि इन दोनों विधायकों का अगला ठिकाना समाजवादी पार्टी ही हो सकता है.

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे दलित वोटर्स पर प्रभाव पड़ेगा.

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