उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में जाति के आधार पर आरक्षण देने का विशेष प्रावधान है.
नई दिल्ली. राज्यसभा में एक बार फिर मझवार की उपजातियों (Subcastes of the midnight) को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा उठा है. राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद (Rajya Sabha MP Jayaprakash Nishad) ने राज्यसभा में मझवार जाति की उपजातियों मल्लाह, केवट, मांझी, निषाद व बिंद को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया.
सदन में अपना पक्ष रखते हुए सांसद ने कहा कि भारतीय संविधान में जाति के आधार पर आरक्षण देने का विशेष प्रावधान है. उन्होंने कहा कि देश में हजारों उपजातियां हैं. कई बार नाम-उपनाम के भ्रम के चलते बहुत सी उपजातियों को वह लाभ नहीं मिल पाता, जिसकी वह हकदार हैं.
उपजातियों को भी मिलना चाहिए उनका हक
मझवार जाति की उपजातियां भी उसी का दंश झेल रही है. भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अनुसूचित जाति की सूची में मझवार जाति का नाम दर्ज है. मल्लाह, केवट, मांझी, निषाद व बिंद के लोगों का जीवन स्तर भी मझवार जाति के समान ही है, बावजूद इसके इन्हें अनुसूचित जाति की सूची में जगह नहीं मिली है. ऐसे में उपजातियों के लोगों को भी उनका हक मिलना चाहिए.
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