सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात
पहली बार लखनऊ में आंबेडकर और महात्मा बुद्ध की मूर्तियों की बिक्री के लिए अस्थाई स्टॉल लगे हैं.
लखनऊ : डॉ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती (Dr BR Ambedkar Jayanti) पर पहली बार लखनऊ में आंबेडकर और महात्मा बुद्ध की मूर्तियों की बिक्री के लिए अस्थाई स्टॉल लगे हैं. आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपना लिया था और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों से भी ऐसा करने की अपील की थी. दलितों एवं सर्वजनों के आदर्श पुरुष और महात्मा बुद्ध की बढ़ती लोकप्रियता का यह प्रतीक है. साथ ही डॉ. आंबेडकर की बढ़ रही स्वीकार्यता का भी प्रतीक है जो राजनीति से परे है.
दलित इन मूर्तियों को खरीद रहे हैं और अपने बच्चों को आंबेडकर और उनके दर्शन के बारे में बताने के लिए अपने घरों में रख रहे हैं.
पेशे से चित्रकार हीरामोती गौतम ने कहा, मेरे लिए आंबेडकर भगवान हैं. मैंने एक छोटी मूर्ति खरीदी है और इसे अपने मंदिर में रखूंगा ताकि मेरे बच्चे उन्हें देवता के रूप में सम्मान देना सीख सकें.
आंबेडकर और बुद्ध की मूर्तियां बेचने वाले दुकानदारों ने कहा कि यह पहली बार है जब वे यहां मूर्तियां बेचने आए हैं.
डॉ. बी.आर. आंबेडकर की लिखित महान किताबें और लेखन के बारे में जानें और यहां पढ़ें
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले हरीश ने कहा, इस तरह के स्टॉल जन्माष्टमी के दौरान लगाए जाते हैं, जहां भगवान कृष्ण की मूर्तियां बेची जाती हैं, फिर गणपति उत्सव और दिवाली के दौरान. यह पहली बार है कि हम यहां आंबेडकर और बुद्ध की मूर्तियों के साथ आए हैं और प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है.
मायावती का यह बयान दलित राजनीति (Dalit Politics) में 'नेतृत्व संघर्ष' के संकेत के रूप…
Akhilesh Yadav Dr. BR Ambedkar Poster Row : अखिलेश अपनी पार्टी के दलित नेताओं का…
Rohith Vemula Closure Report: कांग्रेस ने कहा कि जैसा कि तेलंगाना पुलिस ने स्पष्ट किया…
Kanshi Ram Thoughts on Elections and BJP : कांशी राम का मानना था कि चुनावों…
लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है. यह मुख्य रूप से संबद्ध जीवन, संयुक्त…
Ravidas Jayanti 2024 BSP Mayawati message : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने शनिवार…
This website uses cookies.