हांसी. हरियाणा के हांसी स्थिति डॉ. आंबेडकर चौक पर 2018 को अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम (Scheduled Caste and Tribe Atrocities Act) में संशोधन को लेकर हुए भारत बंद के दौरान पुलिस की गोलियों का शिकार हुए 20 दलित युवकों को शुक्रवार को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी.
नेशनल अलायंस को दलित हुमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने बताया कि दो साल पहले 2 अप्रैल के ही दिन अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम में संशोधन के लिए पूरे भारत में बंद किया गया था, जिसमें हांसी के अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. कलसन ने कहा कि इस भारत बंद के कारण केंद्र सरकार को एससी/ एसटी एक्ट में संशोधन करने पड़े थे और संशोधन के बाद इस एक्ट को और अधिक मजबूत बनाया गया.
क्यों किया गया था 20 अप्रैल को भारत बंद
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 20 मार्च 2018 को एक फैसले में एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) में अग्रिम जमानत के प्रावधान व गिरफ्तारी के लिए पूर्व अनुमति जैसी शर्तें रखी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार पर उक्त फैसले को पलटवाने के लिए रिव्यू पिटिशन डालने और एससी/एसटी एक्ट में संसद द्वारा संशोधन करने के लिए पूरे भारत के दलित संगठनों द्वारा दबाव बनाया गया था. केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए दलित संगठनों ने 20 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया था और यह सफल रहा था.
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कलसन ने बताया कि इस आंदोलन के बाद केंद्र सरकार द्वारा एक्ट में संशोधन के लिए संसद में प्रस्ताव लाया गया था. जिसे दोनों सदनों द्वारा पास कर दिया गया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तें निष्प्रभावी हो गई थी. उन्होंने कहा इस आंदोलन के दौरान कुछ शरारती तत्व द्वारा आंदोलन में हिंसा की गई, जिसके कारण पुलिस की गोली में 20 दलित युवक शहीद हुए थे. उन्हीं की याद में उनकी शहादत को सलाम करने के लिए यह श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जा रहा है.
युवकों के बलिदान को याद रखेगा समाज
उन्होंने कहा की कृतज्ञ समाज इन 20 युवकों के बलिदान को याद रखते हुए तथा उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इन युवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो अप्रैल को शाम चार बजे हांसी के अम्बेडकर चौक पर श्रंद्धाजलि अर्पित करेगा.