नई दिल्ली/महोबा : आजादी के 70 साल से ज्यादा गुज़रने के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महोबा (Mahoba) जिले के माधवगंज गांव में दलितों को घोड़ी पर चढ़कर बारात न निकालने दिए जाने का मामला गरमा गया है. भीम आर्मी ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. संगठन ने तय किया है कि हर हाल में अलखराम की बारात घोड़ी पर चढ़वाकर निकलवाई जाएगी.
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह की तरफ से उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बौद्ध एवं बुंदेलखंड प्रभारी कौशल वाल्मीकि से कहा गया है कि वह बुंदेलखंड की समस्त जिला टीमों को लेकर बारात वाले दिन महोबा माधोगंज पहुंचे.
वहीं, भीम आर्मी (झांसी मण्डल) के अध्यक्ष मोती लाल गौतम एवं मंडल प्रभारी ध्यानचंद्र वाल्मीकी ने कहा है कि बुंदेलखंड प्रभारी कौशल वाल्मीकि के नेतृत्व में झांसी मण्डल के तीनों जिलों की टीमें गांव में पहुचेंगी और अलखराम की बारात घोड़ी पर ही निकलेगी.
उनकी तरफ से कहा गया है कि हम संविधान को मानने वाले लोग हैं और अपने स्वाभिमान से समझौता बिल्कुल नहीं करेंगे.
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दरअसल, गांव में बरसों से चली आ रही इस रुढ़िवादी परंपरा को तोड़ने के लिए दलित (Dalit) युवक अलखराम अहरिवार ने आवाज उठाई है. अपने अधिकारों के प्रति सजग इस दलित युवक ने आवाज़ उठाते हुए उसने पुलिस-प्रशासन से इजाजत मांगी है कि उसे घोड़ी चढ़ने की अनुमति दी जाए, ताकि वह अपनी बारात धूमधाम से निकाल सके.
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यह मामला महोबकंठ थाने के एक गांव माधवगंज का है. अनुसूचित जाति की चमार (Chamar) जाति से ताल्लुक रखने वाले 22 साल के अलखराम अहरिवार की शादी आगामी 18 जून 2021 को है. अलखराम ने जिद ठानी है कि वह घोड़ी पर चढ़कर ही अपनी बारात निकालेंगे. पर गांव के बाकी लोगों की तरह ही कहीं उनके भी अरमान अधूरे न रह जाएं, इसके लिए उन्होंने बकायदा वीडियो जारी कर मदद मांगी है.
देखें वीडियो…
अलखराम के पिता ग्यादीन अहिरवार ने महोबकंठ थाने के प्रभारी को लिखित शिकायत दी है कि आगामी 18 जून को उनके बेटे की शादी है और वह उसे घोड़ी पर चढ़ाकर बारात निकालना चाहते हैं, लेकिन गांव के ही जातिवादी, दूषित मानसिकता के लोग उन्हें रोकने के प्रयास में हैं.
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थाना प्रभारी को दी गई शिकायत में कहा गया है कि ये अराजक लोग गांव में घूम-घूमकर कह रहे हैं कि वे बारात को घोड़ी पर निकलने नहीं देंगे और बारात पर लाठियों और पत्थरों से हमला किए जाने की आशंका है. ग्यादीन ने अपनी शिकायत में कहा है कि इन लोगों का कहना है कि तुम लोग चमार हो और हम तुम्हें घोड़ी पर बैठकर बारात नहीं निकालने देंगे. लिहाजा, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके बेटे की बारात घोड़ी पर निकाली जाए.
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इससे पहले भीम आर्मी भारत एकता मिशन (झांसी मंडल) के मीडिया प्रभारी मानवेंद्र बौद्ध का कहना है कि कुछ मनुवादियों ने यहां तय किया है कि वह दलित समाज के युवक को घोड़ी पर चढ़कर बारात नहीं निकालने देंगे. इस बाबत महोबा के जिला अध्यक्ष आकाश रावण ने पुलिस-प्रशासन को ज्ञापन देकर कहा है कि वह घोड़ी पर ही अलखराम की बारात निकलवाएंगे. इसके लिए बड़ी सदस्य में भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता 18 जून को गांव पहुंचेंगे.