नई दिल्ली. आजादी के 74 साल भी बाद भी गांवों में जातिवाद और ऊंच-नीच वाली भावना लोगों पर हावी है. ताजा मामला राजस्थान के उदयपुर गांव का है, जहां एक दलित दूल्हे (Constable Dalit Groom) को पुलिस के घेरे में बारात निकालनी पड़ी.
हालांकि पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन उदयपुर का ये मामला काफी खास है. जिस दूल्हे ने पुलिस सुरक्षा (Rajasthan Police) में बारात निकाली वो खुद कांस्टेबल के पद पर तैनात है.
घोड़ी पर बारात निकालने पर विवाद की आशंका
अमर उजाला पर प्रकाशित खबर के अनुसार, कांस्टेबल कमलेश मेघवाल को घोड़ी पर बारात निकाले जाने पर विवाद की आशंका थी. जिसके बाद उन्होंने पुलिस फोर्स की सुरक्षा मांगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए
कई बार घोड़ी से उतारे गए हैं दलित दूल्हे
शादी के दौरान डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार सहित दो थानों की फोर्स को तैनात किया गया. दूल्हे के भाई दुर्गेश ने बताया कि गांव में दलित समाज के लोगों को घोड़ी पर बैठ बिंदोली नहीं निकालने दी जाती है. इससे पहले भी गांव में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब दलित दूल्हे को बिंदौली के वक्त घोड़ी से उतार दिया गया है.