नई दिल्ली. उत्तर भारत में जब दलितों की राजनीति (Dalit Politics) और उनके बदले हुए परिदृश्य की बात आती है तो गिने-चुने लोगों का नाम ही आता है. दलित राजनीति के सक्रिय होने का श्रेय बिना किसी संदेह कांशीराम को जाता है.
राजनीति के अलावा कांशीराम (Kanshi Ram thoughts) ने अपने जीवन में कई ऐसी बातें कहीं है जो युवाओं को जाननी चाहिए. आइए जानते हैं…
कांशीराम के अनमोल विचार…
– मैं गांधी को शंकराचार्य और मनु (मनु स्मृति के) की श्रेणी में रखता हूं जो उन्होंने बड़ी चतुराई से 52% ओबीसी को किनारे रखने में कामयाब रहे.
– जिस समुदाय का राजनीतिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व नहीं है, वह समुदाय मर चुका है.
– हम सामाजिक न्याय नहीं चाहते हैं, हम सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं. सामाजिक न्याय सत्ता में मौजूद व्यक्ति पर निर्भर करता है. मान लीजिए, एक समय में, कोई अच्छा नेता सत्ता में आता है और लोग सामाजिक न्याय प्राप्त करते हैं और खुश होते हैं लेकिन जब एक बुरा नेता सत्ता में आता है तो वह फिर से अन्याय में बदल जाता है. इसलिए, हम संपूर्ण सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं.
– जब तक हम राजनीति में सफल नहीं होंगे और हमारे हाथों में शक्ति नहीं होगी, तब तक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संभव नहीं है. राजनीतिक शक्ति सफलता की कुंजी है.
– सत्ता पाने के लिए जन आंदोलन की जरूरत होती है, उस जन आंदोलन को वोटों में परिवर्तित करना, फिर वोटों को सीटों में बदलना, सीटों को सत्ता में परिवर्तित करना और अंतिम रूप से [सत्ता में] केंद्र में परिवर्तित करना. यह हमारे लिए मिशन और लक्ष्य है.
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