उत्तराखंड : शादी में साथ खाना खाने पर ऊंची जात वालों ने दलित को मार डाला, पूरी रात किया टॉर्चर

Uttarakhand Dalit Man Ramesh Ram Beaten to Death After Eating With Upper Caste People at Wedding

नई दिल्‍ली/देहरादून: पहाड़ी राज्‍य उत्तराखंड में जातिवाद मानसिकता (Casteism in Uttarakhand) आज भी चरम पर है. कथित ऊंची जात वाले आज भी ना जाने कौन सा गुमान पाले बैठे हैं. यहां चंपावत जिले (Champawat District) में सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना जातिवादी समाज (Casteist Society) के चेहरे से नकाब हटाती है. यहां एक 45 वर्षीय दलित व्यक्ति को कथित ‘उच्च जाति’ के लोगों ने इसलिए पीट-पीटकर मार डाला (Dalit Man Beaten to Death), क्‍यों‍कि उसे शादी में ‘सभी’ के साथ भोजन करते पाया गया. यहां उत्‍तराखंड में इसे जातिवाद (Casteism) के तहत उल्लंघन माना जाता है. यानि दलित के साथ खाना खा लेने से ये अपवित्र हो गए. पीड़ित परिवार का यह भी आरोप है कि लोहाघाट अस्पताल ले जाने से पहले उसे कई घंटों तक उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और वहां से हल्द्वानी के दूसरे अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.

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रिपोर्ट के अनुसार, चंपावत पुलिस ने इस बाबत हत्या का मामला दर्ज किया है और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) की विभिन्न संबंधित धाराओं को जोड़ा है. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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चंपावत के एसपी देवेंद्र पिंचा (Champawat SP, Devendra Pincha) ने पीड़ित की पत्नी के आधार पर मामला दर्ज करने के बाद द वायर को बताया, “हम मामले में सभी कोणों से जांच कर रहे हैं. शादी की पार्टी की फुटेज हासिल कर ली गई है और कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मेहमानों से पूछताछ की जा रही है.” एसपी ने आगे बताया कि पीड़ित को शादी में बुलाया गया था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने पहले ही शादी का आयोजन करने वाले डूंगर सिंह के परिवार से पूछताछ की थी, लेकिन परिवार ने पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया.

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प्राथमिकी में मृतक रमेश राम की पत्नी तुलसी देवी ने कहा कि उनके पति देवीधुरा के केदारनाथ गांव में दर्जी की दुकान चलाते थे. दुकान, किराए की जगह, डूंगर सिंह के स्वामित्व में है. उसने प्राथमिकी में कहा कि वह सिंह के निमंत्रण पर 28 नवंबर को शादी में गए था. प्राथमिकी में कहा गया है कि जब रमेश राम रात में घर नहीं लौटे, तो उनकी पत्नी ने उसे अपने मोबाइल पर कॉल किया, जिसे एक अज्ञात व्यक्ति ने उठाया और कहा कि उनके पति एक शादी की पार्टी में थे और अगली सुबह घर लौट आएंगे.

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सुबह तुलसी देवी को एक और फोन आया, जिसमें एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनके पति बेहोश हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया जाएगा. उन्होंने प्राथमिकी में कहा, “सुबह मेरे बेटे को एक एम्बुलेंस ऑपरेटर का फोन आया, जिसने बताया कि मेरे पति को लोहाघाट के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और हमें वहां पहुंचना है.”

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29 नवंबर की सुबह जब परिजन लोहाघाट के अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि रमेश राम जमीन पर लावारिस पड़े थे. बाद में, वहां के डॉक्टरों ने उन्‍हें हल्द्वानी के एक अस्पताल में रेफर कर दिया.

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मृतक दलित रमेश राम (Deceased Dalit Ramesh Ram) के बेटे संजय ने कहा कि “हम सभी मेरे पिता की हालत देखकर बहुत हैरान थे. उनके शरीर पर चारों तरफ चोट के निशान थे. एम्बुलेंस में हल्द्वानी ले जाने के दौरान, उन्‍होंने मुझे बताया कि उसे सबके साथ खाने के लिए पीटा गया था.” हल्द्वानी अस्पताल में, डॉक्टरों ने 29 नवंबर को रमेश राम को मृत घोषित करने से पहले सीटी स्कैन के साथ कुछ परीक्षण किए.

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पीड़िता की पत्नी के मुताबिक शादी में सबके साथ खाना खाने पर उनके पति को प्रताड़ित किया गया. तुलसी देवी ने प्राथमिकी में कहा, “मुझे यकीन है कि मेरे पति को 28 नवंबर – शादी की रात को पूरी रात बेरहमी से प्रताड़ित किया गया (Dalit Man Beaten to Death) और फिर अगली सुबह हमें बताए बिना लोहाघाट अस्पताल भेज दिया गया.”

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पीड़िता की बेटी राखी ने भी डूंगर सिंह के परिवार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. वह कहती हैं, “मेरे पिता को शादी की पार्टी में खुद खाना परोसने के लिए लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला था. परिवार [डूंगर सिंह] की संलिप्तता स्पष्ट है…वे तथ्य छिपाते रहे. परिवार ने उसे लोहाघाट अस्पताल भेजने के लिए एम्बुलेंस बुलाया था, लेकिन हमें यह नहीं बताया कि वास्तव में उनके पिता के साथ क्या हुआ था. ”

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इस बीच, पिथौरागढ़ के एक दलित कार्यकर्ता कमल किशोर (Pithoragarh-based Dalit activist Kamal Kishore), जो पीड़ित परिवार को समर्थन दे रहे हैं, ने राम की मृत्यु के तरीके में कुछ गंभीर रूप से भयावह होने का संदेह किया और इसे जाति-आधारित हिंसा का मामला बताया. किशोर ने कहा, ‘पीड़ित के शरीर पर चोट के निशान थे जो पिटाई की ओर इशारा कर रहे थे. साथ ही, संदिग्धों ने पीड़ित के परिवार को सूचित नहीं किया और उसे लोहाघाट अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को बुलाया. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एक रात पहले कुछ बहुत गंभीर हुआ था. यह जाति आधारित हिंसा का एक चौंकाने वाला मामला है.”

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कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि पोस्टमॉर्टम, जो अभी भी प्रतीक्षित है, मौत के कारणों के बारे में और जानकारी देगा. “हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो हमें मौत का कारण और पीड़ित को लगी चोटों की सही प्रकृति के बारे में बताएगी. लेकिन इस बीच, स्थानीय पुलिस को उस एम्बुलेंस चालक से पूछताछ करनी चाहिए, जिसने पीड़ित परिवार को फोन किया था और उस व्यक्ति से भी जिसने परिवार को फोन किया था कि रमेश राम अस्वस्थ था और अगले दिन घर लौट आएगा.

(Dalit Man Beaten to Death)

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