9 साल की दलित बच्‍ची से रेप, हत्‍या मामले में SIT जांच में बड़े खुलासे, पुजारी राधेश्‍याम की काली करतूतों की खुली पोल

Delhi Cantt Dalit girl last rites

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली कैंट (Delhi Cantt) के पुरानी नांगल गांव (Old Nangal Village) में 9 साल की दलित बच्‍ची (9 year Old Dalit Girl Rape and Murder Case) के साथ हुए दुष्‍कर्म मामले में द‍िल्‍ली पुल‍िस (Delhi Police) की ओर से बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्‍ली पुल‍िस ने बच्‍ची के साथ न केवल दुष्‍कर्म होने का बल्‍कि आरोपी पुजारी द्वारा पीड़िता के शव को दुष्‍कर्म के बाद जलाकर सबूतों को म‍िटाने का प्रयास करने का खुलासा क‍िया है. पुल‍िस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी पुजारी राधेश्‍याम ने बच्‍ची के शव को जबरन तरीके से जलाते समय अपने फोन और बच्‍ची की चप्पल और ब‍िस्‍तर को च‍िता पर फेंक द‍िया था, ताक‍ि वह सभी आग में जलकर नष्‍ट हो जाएं और सबूत मिट जाएं.

बताते चलें क‍ि आरोपी मंद‍िर के पुजारी राधेश्‍याम और अन्‍य तीन आरोपी अभी न्‍यायिक ह‍िरासत में हैं. इस घटना के बाद इसकी जांच कराने की मांग को लेकर लोग बड़ी संख्‍या में सड़कों पर उतर आए थे. इसके बाद मामले की जांच का ज‍िम्‍मा एसआईटी का गठन कर सौंपा गया था.

मामले की जांच कर रही एसआईटी का कहना है क‍ि जांच में पता चला है कि पुजारी को पोर्न मूवी देखने कीआदत थी. चारों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने चारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376, 506 और पॉक्सो एवं एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत आरोप लगाए हैं.

द‍िल्‍ली पुल‍िस की ने पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दायर की थी, ज‍िस पर कोर्ट ने 10 स‍ितंबर को संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 30 सितंबर को पेश करने के लिए पेशी वारंट जारी किया था. कोर्ट ने जिन चार आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है, उसमें कुलदीप सिंह, लक्ष्मीनारायण, राधेश्याम और सलीम अहमद प्रमुख रूप से शामिल हैं.

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प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुजारी और बाकी तीनों आरोपियों ने दलित बच्ची (Dalit Girl Rape) के माता-पिता को 20 हजार रुपए देने की कोशिश की ताकि आरोपों को दबाया जा सके. आरोपियों ने बच्ची के माता-पिता की गरीबी और निरक्षरता का लाभ उठाने की कोशिश की. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में भी बताया था क‍ि बच्ची के साथ दुष्‍कर्म के दौरान उसकी मौत दम घुटने से हुई थी.

दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) के अनुसार, जब पुजारी राधेश्याम ने बच्ची के साथ दुष्‍कर्म किया, उस समय दूसरा आरोपी कुलदीप सिंह उसके हाथ पकड़े हुए था. राधेश्याम ने अपना हाथ बच्ची के मुंह पर रखा हुआ था, जिसकी वजह से वह सांस नहीं ले पाई और उसकी दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी. उसके बाद राधे श्याम और कुलदीप सिंह ने बच्ची का शव राधेश्याम के कमरे से बाहर लाकर हॉल में रख दिया, जहां वाटर कूलर रखा हुआ था.

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जानकारी के मुताबिक, इस दौरान 2 गवाहों ने राधेश्याम और कुलदीप को देखा था. पुलिस ने कहा कि चारों आरोपी शवदाह गृह पहुंचकर शव को जलाना चाहते थे, ताकि हत्या के साक्ष्य मिटाए जा सकें. राधेश्याम ने भी सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोश‍िश करते हुए मौत का समय 5:30 बजे शाम का बताया, जबकि सीसीटीवी कैमरे में बच्ची 5:42 पर जिंदा दिखी थी. बच्ची की मौत का बिजली के करंट से कोई साक्ष्य पुल‍िस को नहीं म‍िला है.

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