लेटेस्‍ट न्‍यूज़

गरीब मां को इंसाफ, करंट लगने से बेटे की हुई थी मौत, कोर्ट ने दिलाया ब्‍याज समेत 5 लाख का मुआवजा

नई दिल्ली : एक गरीब मां, जिसने बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की लापरवाही की वजह से अपना 15 साल का लड़का खो दिया, उसे दिल्‍ली की कड़कड़डूमा अदालत (KARKARDOOMA COURT, DELHI) से इंसाफ मिला है. 15 साल के इस लड़के की मौत बीएसईएस के सड़क पर खुलेआम पर पड़े तार से करंट लगने से हुई. पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह “मॉर्टम से पहले बिजली का झटका” लगाना बताया गया. अदालत ने इस मां को इंसाफ देते हुए बिजली कंपनी और इंश्‍योरेंस कंपनी को अपनी बेटे को खोने वाली मां को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, वो भी 12 फीसदी ब्‍याज सहित.

दरअसल, गाजियाबाद के लोनी स्थित अमन विहार विकास कुंज में रहने वाली माया देवी ने बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BSES Yamuna Power Ltd) और रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी (M/s Reliance General Insurance Company) के खिलाफ द फेटल एक्सीडेंट एक्ट 1855 (The Fatal Accident Act, 1855) के तहत अपने बेटे की बिजली के झटके से हुई मौत के लिए मुआवजे और नुकसान के रूप में 5 लाख रुपये की वसूली के लिए मुकदमा दायर किया था. कड़कड़डूमा जिला अदालत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज किशोर कुमार (IN THE COURT OF KISHOR KUMAR, ADJ-04 (EAST), KARKARDOOMA COURT, DELHI) के समक्ष यह सूट फाइल किया गया.

वादी माया देवी की ओर से बताया कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला उनका 15 साल का बेटा एकनाथ उर्फ पप्पू उम्र करीब 11 सितंबर 2010 को जवाहर नगर मेन लोनी पहुंचा तो रास्ते में सड़क पर बिजली का कटा हुआ तार बिना किसी सावधानी इंतजाम में यूं ही पड़ा हुआ था, उसमें तेज करंट था, जिसकी चपेट में एकनाथ आ गया और उसे करंट लगा. सड़क पर पड़े पानी में वह गिर गया और उसकी मौत हो गई. जीटीबी अस्‍पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. एकनाथ की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह “मॉर्टम से पहले बिजली का झटका” लगाना बताया गया.

Mr. KISHOR KUMAR, Additional District Judge-04, KARKARDOOMA COURT, DELHI

याचिका में माया देवी की तरफ से कहा गया कि प्रतिवादी द्वारा बिजली का तार लापरवाहीपूर्वक लावारिस छोड़ दिया गया था, जिससे उनके बच्‍चे की मौत हो गई. उनके बच्‍चे की मौत प्रतिवादी की ओर से चूक, लापरवाही के कारण हुई. लिहाजा उन्‍हें 5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.

BSES-YPL की तरफ से अदालत में लिखित तौर पर जवाब दाखिल कर कहा गया कि किसी भी बिजली के करंट लगने से उसका कोई लेना देना नहीं, क्‍योंकि डीडी संख्या 23A के संबंध में पुलिस रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 11.09. 2010 की घटना के अनुसार घटना मदन लाल फार्म हाउस, लोनी रोड, जवाहर नगर के अंदर हुई थी, जो विद्युतीकृत भी नहीं है और प्रतिवादी द्वारा वहां बिजली की आपूर्ति नहीं की गई.

एडीजे किशोर कुमार (ADJ Kishor Kumar, KARKARDOOMA COURT) ने सभी सबूतों को गवाहों को जांचने, परखने के बाद अपना अहम फैसला सुनाया और माया देवी को न्‍याय दिया. अदालत ने बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी को वादी माया देवी को केस की लागत के साथ 5 लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वादी को डिक्रीटल राशि पर वाद दायर करने की तारीख से डिक्रीटल राशि की प्राप्ति तक 12% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी दिया जाए.

Advertisements

dalitawaaz

Dalit Awaaz is the Voice against Atrocities on Dalit & Underprivileged | Committed to bring justice to them | Email: dalitawaaz86@gmail.com | Contact: 8376890188

Share
Published by
dalitawaaz
Tags: delhi

Recent Posts

रोहित वेमुला अधिनियम पारित करेंगे, अगर हम सरकार में आएंगे, जानें किस पार्टी ने किया ये वादा

Rohith Vemula Closure Report: कांग्रेस ने कहा कि जैसा कि तेलंगाना पुलिस ने स्पष्ट किया…

1 year ago

Dr. BR Ambedkar on Ideal Society : एक आदर्श समाज कैसा होना चाहिए? डॉ. बीआर आंबेडकर के नजरिये से समझिये

लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है. यह मुख्य रूप से संबद्ध जीवन, संयुक्त…

1 year ago

Dr. BR Ambedkar Inspiring Quotes on Education : शिक्षा पर डॉ. बीआर आंबेडकर की कही गई प्रेरक बातें

Dr. BR Ambedkar Inspiring Quotes on Education : शिक्षा पर बाबा साहब डॉ. बीआर आंबेडकर…

2 years ago

This website uses cookies.