हैदराबाद/अमरावती : तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने शुक्रवार को भारतीय संविधान के निर्माता डॉ बी.आर. आंबेडकर को उनकी जयंती (Dr. BR Ambedkar Birth Anniversary) पर श्रद्धांजलि दी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि हमें बाधाओं का सामना पूरे आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए. मुख्यमंत्री केसीआर कहा कि आंबेडकर (Ambedkar) ने बचपन से ही रंग और जाति के नाम पर भेदभाव और छुआछूत की सामाजिक बुराइयों का डटकर सामना किया. वह एक बहादुर और महान व्यक्ति हैं. आंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) पर अपने मैसेज में सीएम केसीआर ने कहा कि आंबेडकर एक वैश्विक बुद्धिजीवी थे, जिन्होंने ज्ञान के प्रकाश से समाज में बुराइयों को दूर कर सुधारने का काम किया.
Ambedkar Jayanti
सीएम केसीआर ने डॉ आंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक (Dr. Ambedkar, father of the Indian Constitution) के रूप में उनकी 132वीं जयंती, देश की दिशा बदलने में उनकी भूमिका और राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं को याद किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र, जाति के आधार पर भेदभाव, छुआछूत, धर्मांतरण, महिला अधिकार, धर्म, आर्थिक सुधार, इतिहास और अर्थव्यवस्था सहित कई विषयों पर आंबेडकर के लेखन, भाषणों और आलोचनाओं ने पूरे विश्व को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
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उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने एक आधुनिक भारत बनाने के लिए अपना पूरा जीवन बलिदान कर दिया.
सीएम केसीआर ने कहा कि आंबेडकर की जयंती (Ambedkar Jayanti) पर हैदराबाद के बीचोबीच उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा लगाना न सिर्फ तेलंगाना राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है.
सीएम केसीआर ने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक भेदभाव का सामना कर रहे एससी समुदायों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं लागू कर रही है.
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि वह भारत के महान सपूतों में से एक हैं, जिन्होंने देश के संविधान को आकार दिया. वह एक समाज सुधारक और एक प्रसिद्ध वकील थे.
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राज्यपाल ने कहा, हम सभी को संविधान के आदर्शो और शासनादेशों का पालन करना चाहिए और इसके तहत बनाए गए संवैधानिक कार्यालय/संस्थानों का सम्मान करना चाहिए, ताकि हमारा राष्ट्र अपने प्राचीन काल के गौरव को प्राप्त कर सके.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि आंबेडकर एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे जिन्हें कानूनी, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, आध्यात्मिक और अन्य क्षेत्रों में अपार ज्ञान था. उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता ने देश की राजनीतिक, लोकतांत्रिक और सामाजिक व्यवस्था के लिए ठोस नींव रखी.
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, मतभेदों को भूलने और मानवता को फलने-फूलने के उनके प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता. उस महान व्यक्ति के नक्शेकदम पर चलते हुए, हमने गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय सशक्तिकरण में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं.
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आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने अपने संदेश में कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक प्रख्यात न्यायविद्, संविधान के जनक थे. अपने पूरे जीवन में, उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से कमजोर वर्गो के सशक्तिकरण के लिए संघर्ष किया.