भूखे-प्यासे और साइकिल भी पंचर… मान्यवर कांशीराम का 5 पैसे वाला ‘प्रेरक किस्सा’
आज भी में उस दिन को याद करता हूँ जब मैं और कांशीराम साहब (Manyavar Kanshi Ram) मुंबई से पूना आये और साइकल उठाकर चल पड़े.
आज भी में उस दिन को याद करता हूँ जब मैं और कांशीराम साहब (Manyavar Kanshi Ram) मुंबई से पूना आये और साइकल उठाकर चल पड़े.
कांशीराम (Kanshi Ram) के संसद के मुख्य हाल में प्रवेश करते ही लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल सीट छोड़कर खड़े होकर उन्हें लेने पहुंचे.
मान्यवर कांशीराम (Kanshi Ram) मानते थे कि चमचा (Chamcha) सबसे खतरनाक प्रवृति होती है और हमें इससे निकलने और ऐसों से निपटने की सख्त जरूरत है.
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