दलित राजनीति में अपनी आक्रामक छवि के लिए जाने जाने वाले मान्यवर कांशीराम (Manyavar Kanshiram) का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ में हुआ. दलित चेतना (Dalit Chetna) के बड़े सामाजिक एवं राजनीतिक विचारक एवं नायक कांशीराम की सांगठनिक और नेतृत्व क्षमता बेजोड़ थी. इसी की बदौलत वे विराट दलित मूवमेंट (Dalit Movement) खड़ा कर पाए. वे दलित राजनीति (Dalit Politics) को उसके शीर्ष तक ले गए. सवर्ण जातियों के दलित समुदाय (Dalit Community) के लोगों के साथ बर्ताव देखकर उन्हें बेहद गुस्सा आता.
(Manyavar Kanshiram Motivational slogans)
मान्यवर कांशीराम (Manyavar Kanshiram) ने प्रेरक भाषणों, नारों ने दलित समाज में एक अलख पैदा की, जो आज तक कायम है. मान्यवर के कुछ उत्तेजक नारे आज भी न जानें ऊंची जातियों के लोगों को कितने चुभते हैं.
ये हैं मान्यवर कांशीराम के वो नारे (Manyavar Kanshiram Motivational slogans)…
जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी। Jiski Jitni Sankya Bhari, Uski Utni Bhagidari
ठाकुर-बनिया-बाभन छोड़। बाकी सब हैं डीएस-फोर। Thakur-Baniya-Baman Chhod, Baaki Sabh Hain DS-4
तिलक-तराजू और तलवार। इनको मारो जूते चार। Tilak-Taraju aur Talwar, Inko Maaro Jute Chaar
वोट से लेंगे सीएम-पीएम। आरक्षण से लेंगे एसपी-डीएम। Vote se Lenge CM-PM, Arakshan se lenge SP-DM
वोट हमारा- राज तुम्हारा। नहीं चलेगा-नहीं चलेगा। Vote Hamara- Raj Tumhara, Nahi Chalega, Nahi Chalega