
दलित रचना: चक्की में पिसते अन्न की तरह नहीं, उगते अंकुर की तरह जियो
सुशीला टाकभौरे (Sushila Takbhaure) दलित साहित्य (Dalit Sahitya) की महत्वपूर्ण कवयित्री, लेखिका एवं विचारक हैं…
सुशीला टाकभौरे (Sushila Takbhaure) दलित साहित्य (Dalit Sahitya) की महत्वपूर्ण कवयित्री, लेखिका एवं विचारक हैं…
ASP प्रवक्ता Suraj Kumar Bauddh द्वारा लिखित इस कविता में जातिवादी सामाजिक व्यवस्था (Casteist Social System) पर गहरी चोट की गई है.
ओमप्रकाश वाल्मीकि (Dalit litterateur Omprakash Valmiki) के शब्दों में दलित शब्द (Dalit) हमारे लिए बहुत ही प्रेरणादायक शब्द है.
लेखन में जातीय अपमान का वर्णन करने वाले ओमप्रकाश वाल्मीकि (Omprakash Valmiki) की हर रचना दलितों के साथ होने वाले अत्याचार बयां करती है.