नई दिल्ली/अहमदाबाद : अब गुजरात के मोरबी जिले (Gujarat Morbi District) के एक सरकारी स्कूल में दलित के हाथ का बना मिड डे मिल खाने से बच्चों ने इनकार (Gujarat OBC students refuse mid day meal cooked by Dalit) कर दिया है. शिक्षा के मंदिर में जातिवाद (Casteism) के इस जहरीले माहौल में जिन बच्चों ने दलित रसोइये के हाथ से बना खाना खाने से मना किया है, वह ओबीसी (OBC) समाज से ताल्लुक रखते हैं. यह स्थिति पिछले 16 जून से बनी हुई है.
मामला गुजरात के मोरबी जिले के श्री सोखड़ा प्राइमरी स्कूल (Shree Sokhda Primary School in Morbi District) का है, जहां अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी समुदाय के 153 छात्रों में से 147 बच्चों ने सरकार की मिड-डे मील (mid day meal) योजना के तहत परोसे जाने वाले भोजन को खाने से मना कर दिया है, क्योंकि वह दलित महिला द्वारा बनाया जा रहा है. ये 147 छात्र खुद कोली, भरवाड़, ठाकोर और गढ़वी जैसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं.
मोरबी पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, छात्रों के माता-पिता ने अपने बच्चों को एक दलित महिला धारा मकवाना द्वारा तैयार भोजन खाने पर आपत्ति जताई थी. दलित महिला (Dalit Woman) को जून माह में स्कूल अधिकारियों द्वारा भोजन तैयार करने के लिए ठेका दिया गया था. महिला के पति के अनुसार गोपी ने आरोप लगाया, ‘बच्चों के अभिभावकों ने उनसे कहा कि वे अपने बच्चों को एक दलित महिला के हाथ से बना खाना नहीं खाने दे सकते.’
इस घटना के बाद गोपी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत को डीएसपी के पास भेज दिया गया, लेकिन TOI को उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि चूंकि यह स्कूल के अधिकारियों और जिला प्रशासन के बीच का मामला है, इसलिए वे हस्तक्षेप नहीं कर सकते.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में स्कूल प्रिंसिपल ने कहा, हम बच्चों को सिखा सकते हैं कि जातिवादी रवैया न रखें और सभी समान हैं, कोई भी अछूत नहीं है. दुख की बात है कि हम उनके माता-पिता को समझा नहीं सकते.