पंजाब (Punjab) के बरनाला (Barnala) में पुलिस द्वारा दलित (Dalit) युवक को कस्टडी में बुरी तरह प्रताडि़त करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने दलित युवक को पर एलईडी चोरी के आरोप में कस्टडी में लिया था, जबकि अगले ही दिन वह किसी अन्य व्यक्ति के पास से बरामद हुई.
वाकया बरनाला के भदौर थाने का है. यहां 17 वर्षीय दलित लड़के को प्रताड़ित किए जाने के आरोपों के बाद पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग (Punjab State Scheduled Castes Commission) की एक टीम ने सोमवार को कोठे भान सिंह में पीड़ित परिवार के घर का दौरा किया.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि चोरी की गई एलईडी को बरामद करने के लिए उसे हिरासत में रखा गया था, जिसे बाद में किसी अन्य शख्स से बरामद किया गया. आयोग ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
कमिशन टीम के सामने पीड़ित की मां जसविंदर कौर ने आरोप लगाया कि “मेरे बेटे गुरप्रीत सिंह (17) को भदौर पुलिस ने 9 मई को एक पड़ोसी द्वारा एलईडी चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराने के बाद हिरासत में ले लिया था. उसे कथित रूप से अवैध कारावास में रखा गया और पुलिस स्टेशन में पुलिस द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया. लेकिन 10 मई की शाम, पुलिस ने मेरे बेटे को निर्दोष कहकर रिहा कर दिया, जब उसकी तबीयत खराब हो गई थी.”
कौर ने कहा कि उनका बेटा 10 से 18 मई तक अस्पताल में भर्ती रहा.
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति (एससी) आयोग की टीम के साथ बरनाला एसडीएम अनमोल सिंह धालीवाल, जिला विकास पंचायत अधिकारी संजीव शर्मा, डीएसपी बरनाला परमिंदर सिंह, डीएसपी तापा रविंदर सिंह रंधावा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
कौर से विवरण प्राप्त करने के बाद आयोग की सदस्य पूनम कांगड़ा ने एसडीएम को 17 जून को आयोग के चंडीगढ़ कार्यालय में घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
आयोग की सदस्य पूनम कांगड़ा ने कहा, ‘पुलिस ने बिना किसी गलती के नाबालिग दलित लड़के को बेरहमी से प्रताड़ित किया, क्योंकि बाद में चोरी की गई एलईडी एक अन्य व्यक्ति से बरामद हुई. गुरप्रीत 11 से 19 मई तक अस्पताल में रहा और बाद में उसने आयोग को शिकायत सौंपी. एसडीएम बरनाला से रिपोर्ट मिलने के बाद हम सख्त कार्रवाई करेंगे.’
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंजाब पुलिस पर इसी तरह दो दलित भाईयों को कस्टडी में टॉर्चर किए जाने का मामला प्रकाश में आया था. बीते माह मई में पंजाब (Punjab) के संगरूर (Sangrur) जिले के संदौर थाना क्षेत्र में एक गंभीर मामला सामने आया था. आरोप है कि यहां दो दलित (Dalit) युवा भाईयों को संदौर थाने (Sandaur Police Station) में पुलिस हिरासत के दौरान पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह टॉर्चर किया. आरोपी पुलिसवालों ने दोनों दलित भाईयों को कस्टडी में न केवल बुरी तरह मारा, बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल भी डाला.
TOI के अनुसार, इस घटना पर कार्रवाई करते हुए संगरूर पुलिस (Sangrur Police) ने दो पुलिसवालों का ट्रांसफर कर दिया है, जबकि तीन अन्य का ट्रांस्फर कर दिया गया है.
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वहीं, पंजाब अनुसूचित जाति आयोग (Punjab Scheduled Caste Commission) की सदस्य पूनम कांगड़ा भी इस घटना के संज्ञान में आने के बाद दोनों पीडि़तों से मिलने मलेरकोटला सिविल अस्पताल पहुंचीं.
पूनम कांगड़ा की तरफ से आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. उनकी तरफ से डीएसपी मालेरकोटला (Malerkotla) से आयोग में इस बाबत 13 मई तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और थाने के एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच करने को भी कहा गया है.
tribuneindia के मुताबिक, कस्बा भराल गांव के पूर्व सरपंच जग्गा सिंह ने कहा कि संदौर पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा उनके भतीजे सरमजीत सिंह और लखवीर सिंह को बुरी तह पीटा गया और जबरन 20,000 रुपये छीन लिए गए.
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उनका आरोप है कि बीते बुधवार को मनकी गांव में बोलेरो कार में चार अज्ञात लोग आए और उन्होंने उनके भतीजों से कहा वे पुलिसवाले हैं थे और दोनों को कुछ एफआईआर के संबंध में पूछताछ करने के लिए उनके साथ पुलिस स्टेशन जाना होगा. जब सिमरजीत ने उनसे उनके आईकार्ड के बारे में पूछा, तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया और लखवीर से 20 हजार रुपये छीन लिए.
आरोप है कि पुलिसकर्मी इन दोनों को तो थाने के अंदर ले गए, जबकि बाकियों को अन्य जाने से मना कर दिया.
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सिमरनजीत सिंह का दावा है कि घटना के वक्त इनमें से कुछ पुलिसवाले नशे में थे और थाने के अंदर पूरी रात उन्हें प्रताडि़त किया गया. सिमरजीत ने कहा कि ‘पुलिसवालों ने उसके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाला, जूतों के नीचे उसके हाथों को कुचला. मेरे पैरों पर लाठियां मारीं और कई घंटों तक नंगा रखा’.
पुलिस ने गुरुवार तक उन्हें थाने में तब तक रखा, जब तक उनके परिजनों ने विरोध करने की बात नहीं कही. सिमरजीत को बाद में इलाज के लिए मलेरकोट सिविल अस्पताल ले जाया गया.
लखविंदर को हल्की चोटें आई हैं और उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
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इस बीच पुलिस ने कहा कि उन्होंने दो पुलिसकर्मियों एएसआई सुखविंदर सिंह और पीएचजी केसर सिंह को निलंबित कर दिया है और तीन अन्य को वर्तमान पोस्टिंग से बाहर कर दिया है.
मालेरकोटला (Malerkotla) के पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह बराड़ ने कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है. स्नैचिंग के आरोपों की प्रारंभिक जांच भी कर रही है.
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