Rajesh Saraiya: यूं तो दलित (Dalit) समाज शुरुआत से सामाजिक उपेक्षाओं की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर रहा, लेकिन कुछ दलितों ने समय के साथ अपनी मेहनत के बल पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपनी सफलता का झंडा गाड़ा. इनमें कई नाम हैं, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, देश के पहले दलित अरबपति के बारे में. इस मेहनतकश इसान ने अरबों रुपये का बिजनेस एम्पायर खड़ा किया है और उनकी गिनती दुनिया के सफल लोगों में होती है. इस शख्सियत का नाम है राजेश सरैया (Rajesh Saraiya). दलित अरबपतियों में सबसे बड़े नाम राजेश सरैया को देश का पहला दलित अरबपति (Dalit Billionaire) माना जाता है. वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सीतापुर (Sitapur) के पास एक गांव सरैया सानी में एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए. राजेश का कारोबार भारत से बाहर यूक्रेन, रूस, जर्मनी, इस्तांबुल, दुबई, और तियानजिन जैसे कई देशों में फैला है.
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दरअसल, राजेश सरैया यूक्रेन आधारित कंपनी SteelMont के सीईओ हैं. SteelMont की वेबसाइट के मुताबिक, वर्तमान में कंपनी का टर्नओवर 350 मिलियन डॉलर यानि करीब (लगभग 26,42,67,50,000 रुपये) है. उनकी कंपनी मेटल सेक्टर में काम करती है.
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रिपोर्टों के अनुसार, राजेश सरैया (Rajesh Saraiya) की शुरुआती पढ़ाई भारत में ही हुई, देहरादून में. इसके बाद उन्होंने रूस में एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में उन्होंने SteelMont की शुरुआत की.
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रिपोर्टों के मुताबिक, मेटल में ट्रेडिंग करने वाली राजेश की कंपनी का बेस यूक्रेन में है. उनकी कंपनी ब्रिटेन में ट्रेडिंग करती है. हालांकि राजेश को अपने वतन भारत से प्यार है. उनका इरादा भी अगले कुछ सालों में भारत में ही बसने का है.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह भारत में फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलना चाहते हैं.
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राजेश को भारत सरकार की ओर से दो बड़े अवार्ड मिल चुके हैं. इसमें 2014 का पद्मश्री और 2012 का प्रवासी भारतीय अवॉर्ड शामिल हैं.
दलित अरबपति राजेश सरैया से जुड़ी खास बातें (Dalit billionaire Rajesh Saraiya special things)
वह DICCI के सदस्य हैं।
उन्हें भारत का पहला दलित अरबपति माना जाता है।
राजेश सरैया स्टील मोंट ट्रेडिंग लिमिटेड के सीईओ (Rajesh Saraiya is the CEO of Steel Mont Trading Ltd) हैं, जिसका मुख्यालय डसेलडोर्फ (जर्मनी) में है। यह इस्पात व्यापार, उत्पादन, वस्तुओं और शिपिंग से संबंधित है। इसके लंदन, कीव, मॉस्को, इस्तांबुल, दुबई, मुंबई और टियांजिन में कार्यालय हैं।
राजेश सरैया, सरैया सानी गांव, सीतापुर (यूपी) के रहने वाले हैं (Rajesh Saraiya hails from Saraiya Sani village, Sitapur (U.P), देहरादून में पले-बढ़े और रूस से वैमानिकी विज्ञान का अध्ययन किया।
उन्हें 2012 में प्रवासी भारतीय पुरस्कार और 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
वह अब दलित समुदाय से दुनिया के सबसे अमीर हैं। (Rajesh Saraiya is now world’s richest from Dalit community)
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