दलित साहित्‍य

Dalit literature

दलित साहित्य (Dalit literature) की 5 आत्मकथाएं, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए

आधुनिक दलित साहित्य (Dalit Sahitya) का आगाज महाराष्ट्र (Maharashtra) में 60 के दशक में ‘दलित पैंथर आंदोलन’ (Dalit Panther Movement) के बाद हुआ. इस आंदोलन के चलते ज.वि.पवार, राजा ढाले, नामदेव ढसाल, अरुण कांबले जैसे दलित एक्टिविस्ट (Dalit Activist) और रचनाकारों ने दलित साहित्य (c) लिखने वालों में नई जान फूंकी, क्योंकि इससे पहले दलित …

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Om-Prakash-Valmiki

ओमप्रकाश वाल्‍मीकि की वह 2 कविताएं जो ‘दलितों की कहानी’ सबको चिल्‍लाकर बताती हैं… पढ़ें

दलित साहित्‍य (Dalit Sahitya) की पहचान ओमप्रकाश वाल्‍मीकि (Omprakash Valmiki) के बारे में कौन नहीं जानता. ओमप्रकाश वाल्मीकि और दलित साहित्य एक दूसरे के पर्याय हैं. हर साहित्‍य प्रेमी उनकी रचनाओं से प्रेम करता है. उनकी हर रचना दलित समाज के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन एवं उच्‍च जातियों द्वारा र्दुव्‍यवहार की कहानी चिल्‍ला-चिल्‍लाकर सर्वसमाज के …

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कांशीराम के अनमोल विचार… संयुक्‍त राष्‍ट्र में ‘दलित छात्रा’ ने बढ़ाया ‘भारत का मान’ शूरवीर तिलका मांझी, जो ‘जबरा पहाड़िया’ पुकारे गए खुशखबरी: हर जिले में किसान जीत सकते हैं ट्रैक्‍टर जब कानपुर रेलवे स्‍टेशन पर वाल्‍मीकि नेताओं ने किया Dr. BR Ambedkar का विरोध सुभाष चंद्र बोस और डॉ. बीआर आंबेडकर की मुलाकात Dr. Ambedkar Degrees : डॉ. आंबेडकर के पास कौन-कौन सी डिग्रियां थीं ‘धनंजय कीर’, जिन्होंने लिखी Dr. BR Ambedkar की सबसे मशहूर जीवनी कांशीराम के अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए जब पहली बार कांशीराम ने संसद में प्रवेश किया, हर कोई सीट से खड़ा हो गया डॉ. आंबेडकर के पास थीं 35000 किताबें…