दलित साहित्य (Dalit literature) की 5 आत्मकथाएं, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए
आधुनिक दलित साहित्य (Dalit Sahitya) का आगाज महाराष्ट्र (Maharashtra) में 60 के दशक में ‘दलित पैंथर आंदोलन’ (Dalit Panther Movement) के बाद हुआ. इस आंदोलन के चलते ज.वि.पवार, राजा ढाले, नामदेव ढसाल, अरुण कांबले जैसे दलित एक्टिविस्ट (Dalit Activist) और रचनाकारों ने दलित साहित्य (c) लिखने वालों में नई जान फूंकी, क्योंकि इससे पहले दलित …
दलित साहित्य (Dalit literature) की 5 आत्मकथाएं, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए Read More »