चंडीगढ. पंजाब में दलित की राजनीति के साथ ही पीपीएस से आईपीएस पर प्रमोट किए गए अधिकारियों को लेकर बवाल शुरू हो गया है. जिन 24 अधिकारियों (24officers promoted pps to ips) को प्रमोट किया गया है, उनमें एक भी दलित शामिल नहीं है.
अधिकारियों के प्रमोशन के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने अपने चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है सरकार द्वारा किए गए प्रमोशन में आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया है.
पंजाब सरकार से मांगा जवाब
आयोग का कहना है कि जिन अधिकारियों का प्रमोशन किया गया है, उसमें एक भी दलित का नाम शामिल नहीं है. इस शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पंजाब पुलिस के डीजीपी से जवाब देने के लिए कहा है. आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को आरोपों/मामले में जांच कर तुरंत एक्शन टेकन रिपोर्ट आयोग के समक्ष पंद्रह दिनों में पेश करने का निर्देश दिया है.
वहीं, इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला का कहना है कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन में कानूनों को नजरअंदाज करना कानून अपराध है. जिन अफसरों ने केंद्र सरकार के प्रमोशन के रूल एवं पंजाब सरकार के ‘पंजाब शड्यूल कास्ट एण्ड बैकवर्ड क्लास (रेज़र्वैशन इन सर्विसेज़) अमेंडमेंट ऐक्ट 2018 ( पंजाब ऐक्ट नंबर 17 ऑफ 2018 )’ को नजरअंदाज किया है उन पर आयोग कानून अनुसार सख्त से सख्त कारवाई करेगा.L