नई दिल्ली : (SC-ST Farmers) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “किसान ड्रोन को बढ़ावा: मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर सम्मेलन का शुभारंभ किया. इसमें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture and Farmers Welfare Minister Narendra Singh Tomar) ने बताया कि सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने व आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट प्रदान की गई है. व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति (Scheduled Caste Farmers -Scheduled Tribe Farmers), लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों (Farmers of Northeastern states) के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रु. की सहायता दी जाएगी.
आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदृष्टि से, किसानों के व्यापक हित में कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग की पहल की है. फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों व पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को सरकार बढ़ावा दे रही है, जिसका बजट में भी प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस प्रौद्योगिकी को किसानों व अन्य हितधारकों के लिए किफायती बनाने हेतु, खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण (agricultural mechanization) पर उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ-साथ, फार्म मशीनरी प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद हेतु लागत के 100% की दर से सहायता प्रदान की जाएगी. किसान उत्पादक संगठन (FPO) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत (Agriculture Drone Cost) का 75% तक अनुदान दिया जाएगा.
ड्रोन से कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए किसान सहकारी समिति (Farmers Co-operative Society) व ग्रामीण उद्यमियों के तहत मौजूदा व नए कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) द्वारा ड्रोन खरीद के लिए ड्रोन व इसके संबंधित पुर्जों की मूल लागत के 40% की दर से या 4 लाख रु. तक, जो भी कम हो, वित्तीय सहायता दी जाएगी. सीएचसी स्थापना करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन लागत के 50% की दर से अधिकतम 5 लाख रु. तक वित्तीय सहायता के पात्र हैं. ड्रोन प्रदर्शन के लिए पहले से चिन्हित संस्थानों के अलावा, किसान ड्रोन प्रदर्शन की वित्तीय सहायता हेतु राज्य व केंद्र सरकार के अन्य कृषि संस्थान, कृषि गतिविधियों में लगे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को भी पात्रता सूची में लाया गया है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय देशभर में कृषि (Agriculture) को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीमों के माध्यम से राज्य सरकारों को सहायता-सुविधा प्रदान कर रहा है और विभिन्न कृषि कार्यों से जुड़े मानव परिश्रम को कम करने के अलावा उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने, बीजों, उर्वरकों व सिंचाई जल (Seeds, Fertilizers and Irrigation Water) जैसे आदानों की उपयोग दक्षता में सुधार के लिए किसानों (Farmers) को आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच में मदद कर रहा है.
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