हरिद्वार. टोक्यो ओलंपिक 2021 (Tokyo Olympic 2021) के सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women’s Hockey Team) की हार को भी जातिवादी लोगों ने जातिवाद (Casteism) की सामाजिक कुरीति से जोड़ दिया. इस हार के बाद हरिद्वार (Haridwar) में टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया (Hockey Player Vandana Kataria) के परिवार वालों को न केवल जातिसूचक गालियां दी गईं, बल्कि आरोपियों ने यहां तक कहा कि टीम इसलिए हार गई थी, क्योंकि उसमें “बहुत सारे दलित खिलाड़ी (Dalit Players) थे.
यह घटना बुधवार को भारतीय महिला हॉकी टीम के सेमीफाइल में अर्जेंटीना से हारने के कुछ घंटों बाद हुई. कथित उच्च जाति के दो लोगों ने रोशनाबाद गांव में वंदना कटारिया के घर को घेर लिया. उन्होंने पटाखे जलाते हुए और डांस करते हुए वंदना के परिवारवालों को जातिसूचक गालियां (Casteist Abuses) दीं.
दलित (Dalit) वर्ग की हॉकी खिलाड़ी वंदन कटारिया (Vandana Kataria) के भाई शेखर ने TOI से कहा, ‘हम भी हार से दुखी थे, लेकिन टीम अच्छा खेली. हमें उन पर नाज है’.
उन्होंने बताया कि मैच के तुरंत बाद हमने घर के बाहर शोर सुना. हमारे घर के बाहर पटाखे जलाए जा रहे थे. जब हम बाहर आए तो हमने गांव के दो आदमियों को घर के बाहर देखा. हम उन्हें जानते हैं और वे उच्च जाति से ताल्लुक रखते हैं.
शेखर द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, ‘जब परिवावाले घर से बाहर आए तो उन्होंने लगातार उन्हें जातिवादी गालियां देनी शुरू कर दी. वे जातिवादी गालियां दे रहे थे. हमारे परिवारवालों की बेइज्जती कर रहे थे और कह रहे थे कि भारतीय महिला हॉकी टीम इसलिए हारी, क्योंकि उसमें बहुत से दलित खिलाड़ी हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि सिर्फ हॉकी नहीं, बल्कि हर खेल की टीम से दलितों को बाहर कर देना चाहिए’
सिडकुल थाने के एसएचओ ने कहा कि शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. एक आरोपी की पहचान कर ली गई है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह आरोपी कौन है. गौर करने वाली बात यह भी है कि अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है.