संविधान सभा को दिए अपने आखिरी भाषण में बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar last speech to the Constituent Assembly) की दूसरी चेतावनी, किसी राजनीतिक व्यक्ति या सत्ता के आगे लोगों/नागरिकों के नतमस्तक हो जाने की प्रवृति को लेकर थी.
डॉ. आंबेडकर का कहना था, संसदीय सरकार (Parliamentary Government) बिना शिक्षित जन-मत के कार्य नहीं कर सकती. सरकार और संसद को उचित रूप से कार्य करने के लिए जनता की राय की जानकारी अवश्य होनी चाहिए.
बुद्ध एवं उसके धम्म, The Buddha and His Dhamma, डॉ. बी.आर आंबेडकर, Dr. BR Ambedkar, बुद्ध एंड कार्ल मार्क्स, Buddha and Karl Marx, प्राचीन भारत में क्रान्ति एवं प्रति-क्रान्ति, Revolutions and Counter-Revolution in Ancient India