नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में किसानों के साथ हुई बर्बरता के बीच लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाने को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने गंभीर सवाल उठाए. चंद्रशेखर आजाद ने प्रधानमंत्री से कई सवाल पूछते हुए कहा कि ‘क्या देश के प्रधानमंत्री शहीद किसान परिवारों के सामने बैठकर, आंख में आंख मिलाकर, कोई जवाब दे पाएंगे कि उनको न्याय कब मिल पाएगा. आरोपियों की गिरफ्तारी कब होगी?’ साथ ही उन्होंने पीएम से किसान विरोधी तीनों कानूनों को समाप्त करने की मांग भी की.
चंद्रशेखर आजाद ने मंगलवार को ट्विटर पर वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘जय भीम, हम आज दिल्ली में हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में देश के प्रधानमंत्री को आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है.’
उन्होंने कहा कि ‘लेकिन मैं देश के प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में तो किसानों की चिताएं जल रही हैं. किसानों के घरों में मातम है. शहीद किसानों के परिवार चीख रहे हैं. उत्तर प्रदेश में ना तो किसान, ना महिलाएं, ना नौजवान, ना व्यापारी और ना ही विपक्ष आजाद है. तो आप किसकी आजादी का जश्न मना रहे हैं?’
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि लखनऊ से कुछ ही दूर पर लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) है. क्या देश के प्रधानमंत्री शहीद किसान परिवारों के सामने बैठकर, आंख में आंख मिलाकर, कोई जवाब दे पाएंगे कि उनको न्याय कब मिल पाएगा. आरोपियों की गिरफ्तारी कब होगी?
अन्नदाताओं को किसान विरोधी कानूनों का ‘जहर’ देकर मोदी जी लखनऊ में ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। pic.twitter.com/2F4PsdvwYo
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 5, 2021
आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि ‘ये जश्न देश की आजादी का नहीं, भारतीय जनता पार्टी की आजादी का है कि उनके नेता, मंत्री किसानों की हत्या करेंगे और आरोपी आजाद रहेंगे. किसानों और विपक्ष को बंधक बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री जी, जनता आपको माफ नहीं करेगी. आप किसान विरोधी तीनों कानूनों को समाप्त कीजिए’.
देश के अन्नदाताओं की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। शहीद किसानों को नम आंखों से नमन।
इतिहास गवाह है कि शहादतें क्रांति को जन्म देती हैं। तानाशाही भाजपा सरकार का अंहकार भी जल्द ही टूटेगा। किसान मजदूर एकता जिंदाबाद। pic.twitter.com/loXf24vCtb
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 5, 2021
इससे पहले चंद्रशेखर लखीमपुर में घटनास्थल पर पहुंचे थे, जहां मृत किसानों के पार्थिव शरीर रखे हुए थे. उन्होंने वहां किसानों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. साथ ही उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाताओं की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. शहीद किसानों को नम आंखों से नमन. इतिहास गवाह है कि शहादतें क्रांति को जन्म देती हैं. तानाशाही भाजपा सरकार का अंहकार भी जल्द ही टूटेगा. किसान मजदूर एकता जिंदाबाद.
चंद्रशेखर आजाद ने लखीमपुर घटना को लेकर कहा था पूरा देश देख रहा है कि जिसने जलियावाला बाग नहीं देखा है वो आज देख रहा है. उत्तर प्रदेश में जो गुंडाराज है उसका जीता जागता उदाहरण लखीमपुर खीरी कांड है. यह सरकार किसानों के आंदोलन को नहीं कुचल पाई तो किसानों को कुचलने लगी है. जो हुआ वह बहुत डरावना है. देश की जनता किसानों के साथ है. मैं किसानों से मिले बगैर, जो आज हमारे बीच में नहीं है उनकी तकलीफ को सुने बिना और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक मैं नहीं जाऊंगा यहां से. पुलिस हमें चाहे जहां ले जाए, जब तक हम किसानों से नहीं मिल लेते और जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्यवाई नहीं होती तब तक नहीं जाएंगे.उत्तर प्रदेश पुलिस जो जांच कर रही है वह कौन सी पुलिस है? गोरखपुर वाली पुलिस है या हाथरस वाली, जो आरोपी को बचा देती है और पीड़ितों को दोषी बना देती है.